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रक्षाबंधन से एक दिन बाद बहन का भाई को उपहार, पाया 158 वां स्थान

जागरण संवाददाता झज्जर सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में नीतू कादियान का 158 वां स्थान आया है

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 05:18 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 05:18 AM (IST)
रक्षाबंधन से एक दिन बाद बहन का भाई को उपहार, पाया 158 वां स्थान
रक्षाबंधन से एक दिन बाद बहन का भाई को उपहार, पाया 158 वां स्थान

जागरण संवाददाता, झज्जर : सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में नीतू कादियान का 158 वां स्थान आया है। पिछले प्रयास में भी कामयाब रहने वाली होनहार नीतू मौजूदा समय में आइआरएस में चयन होने के बाद नागपुर में ट्रेनिग कर रही है। नीतू के मुताबिक परीक्षा परिणाम को देखते हुए आइपीएस तो मिल ही जाना चाहिए। आरईडी स्कूल से दस जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली स्थित हंसराज कॉलेज से नीतू ने बीएससी की। फिर एक साल की ट्रेनिग करने के बाद यूपीएससी के लिए मन से तैयारी शुरू कर दी। पहले दो दफा की परीक्षा में मात्र कुछ अंकों से चूक गई। नीतू का तीसरे प्रयास में आइआरएस में चयन हुआ था। नीतू के पिता संपूर्ण कादियान प्रॉपर्टी का कारोबार करते हैं। मां लक्ष्मी देवी स्वास्थ्य विभाग में एएनएम हैं। छोटे भाई यशवीर कादियान को नीतू अपनी प्रेरणा स्त्रोत मानती है। जबकि, मां से मिले सहयोग से उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। नीतू कहती है कि सिविल सेवा की परीक्षा में बाहर से कोचिग लेने के बजाय अगर खुद मेहनत करते हुए तैयारी की जाए तो परिणाम बेहतर आएंगे। क्योंकि, यह परीक्षा एक समुद्र की भांति है। सभी के लिए संभावनाएं एक जैसी है। बस, मेहनत करने वालों को उसका फल मिलेगा। समय मिलने पर मां का रसोई में हाथ बंटाने वाली नीतू को खीर बनाना खास पसंद है। रक्षाबंधन के एक दिन बाद परिणाम को नीतू ने अपने छोटे भाई यशवीर के लिए उपहार बताया।

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नहीं की पोस्ट-ग्रेजुएशन, लक्ष्य तय करते हुए जुटी तैयारी में

नीतू ने बताया कि उन्होंने बीएससी के बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन नहीं की। कारण लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। बस, सेल्फ स्टडी करते हुए खुद अपना प्लॉन बनाया। जिसे मूर्त रूप देने के लिए मेहनत की। हालांकि, मेहनत का ना तो कोई विकल्प है और या कोई पर्याय। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटने वाले अभ्यार्थी को यह समझना होगा कि एक प्रयास में विफल रहने के बाद शांत नहीं बैठना है। क्योंकि, ऐसा देखने में आता है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के साथ अन्य सेवाओं की परीक्षा देने में दिक्कत कम होती है। कई दफा इस स्थिति में दूसरे अभ्यार्थी आगे अपनी तैयारी को बीच में ही छोड़कर संतोष कर लेते हैं। जबकि, यहां पर अपार संभावनाएं और कोई भेदभाव नहीं। इसीलिए बाहर से मार्गदर्शन के लिए भी तैयार सैट मिल जाते हैं। बस आप अपने लक्ष्य पर बढ़े चलो। सफलता मिलना तय है।


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