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Jhajjar: कुत्तों के काटने के 20 दिनों में आए 50 मामले, बढ़ती संख्या बढ़ा रही चिंता

Jhajjar कुत्तों के काटने के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं। नागरिक अस्पताल में रोजाना मरीज टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। फार्मेसी आफिसर ने बताया कि टीका लगवाने के लिए लगभग 7 से 8 मरीज अस्पताल में आते हैं। जिनमें आवारा कुत्तों के काटने के मरीज ज्यादा हैं।

By Pravesh ChauhanEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Mon, 21 Nov 2022 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2022 07:10 PM (IST)
Jhajjar: कुत्तों के काटने के 20 दिनों में आए 50 मामले, बढ़ती संख्या बढ़ा रही चिंता
Jhajjar: कुत्तों के काटने के 20 दिनों में आए 50 मामले, बढ़ती संख्या बढ़ा रही चिंता : जागरण

झज्जर, जागरण संवाददाता: जिले में कुत्तों के काटने के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं। नागरिक अस्पताल में रोजाना मरीज टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। फार्मेसी आफिसर शालू ने बताया कि टीका लगवाने के लिए लगभग 7 से 8 मरीज अस्पताल में आते हैं। जिनमें आवारा कुत्तों के काटने के मरीज ज्यादा हैं। वहीं, पालतू कुत्ते के काटने के भी एक या दो मरीज आ जाते हैं।

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आवारा कुत्तों की बढ़ती भीड़ ने लोगों को परेशान कर दिया है। वहीं, पालतू कुत्तों को तो टीका लगवाया जाता है किंतु सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्ते लोगों की जान के लिए सबसे बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। जरूरी नहीं कि पागल कुत्ता के काटने पर ही रैबीज की बीमारी हो सामान्य कुत्ता भी काट ले तो व्यक्ति रैबीज का शिकार हो सकता है।

ठंड में बढ़ जाते हैं मामले

विशेषज्ञ बताते है कि नवंबर- दिसंबर कुत्तों का प्रजनन काल होता है, इसी बीच में नए पिल्ले भी पैदा होते हैं। जब पिल्ले पैदा होते हैं तब उसकी मां ज्यादा आक्रामक हो जाती है और पिल्लों को छूने या कुछ करने की कोशिश भी करता है तो कुतियां उस पर वार कर देती है जिसके कारण दिसंबर माह में डाग बाइट के मामले ज्यादा आते हैं। सितंबर में 29 मामले, अक्टूबर में 130, नवंबर 20 तक 50 मामले में जिला अस्पताल में दर्ज किए गए हैं।

पालतू कुत्तों से भी रहे सावधान

पालतू कुत्तों से भी सावधान रहना चाहिए। भले ही कुत्ते पालने वाले कुत्ते को एंटी रैबीज टीका लगाने का दावा करें पर कई बार लोग टीका लगवाना भूल जाते हैं। इसलिए उसका भी जहर नुकसान दायक हो सकता है। कई बार पीड़ित का बचना कठिन हो जाता है, इसलिए कुत्ते के काटने के तुरंत बाद ही नियत समय पर सारे टीके लगवाने चाहिए।

अस्पताल में बिल्ली के काटने के भी मरीज आ रहे हैं सामने

बंदरों और कुत्तों के काटने के मरीज तो सामने आ रहे हैं। वहीं, बिल्ली के काटने के भी मरीज अस्पताल में दर्ज किए गए हैं। अब सितंबर में 1, अक्टूबर में 6 और नवंबर में 5 बिल्ली के काटने के मरीज सामने आए हैं।

आवारा कुत्ते नहीं हुए वैक्सीनेट

साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक कुत्तों के काटने वाले मामलों में मुआवजा देने को लेकर एक पैनल तैयार किया था। पैनल ने ऐपक्स कोर्ट में पांच सुझाव दिए। जिसमें जानवरों के काटे जाने के केस में मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग, सभी अस्पतालों में एंटी-रैबीज वैक्सीन, वेस्ट मैनेजमेंट,आवारा कुत्तों पर लगाम कसने और पालतू जानवरों को वैक्सिनेट करने की बात कही गई थी। मगर आवारा कुत्तों का वैक्सीनेट आज तक नहीं हो पाए हैं। प्राथमिक उपचार में कुत्ते के काटने पर घाव को तुरंत धो लें। डिटेल का उपयोग कर सकते हैं। उसके बाद तुरंत नजदीकी अस्पताल में रेबीज का टीका लगावाएं। नागरिक अस्पताल में रेबीज का टीका उपलब्ध है। डा ब्रह्मदीप सिंह, सीएमओ, झज्जर।


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