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17 एएनएम के बर्खास्त होने के बाद भी पीछे नहीं हट रहे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, झज्जर : 4 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा के तहत मामला दर्ज। जिला में विभिन्न पीएचसी

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 11:39 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 11:39 PM (IST)
17 एएनएम के बर्खास्त होने के बाद भी पीछे नहीं हट रहे कर्मचारी
17 एएनएम के बर्खास्त होने के बाद भी पीछे नहीं हट रहे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, झज्जर : 4 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा के तहत मामला दर्ज। जिला में विभिन्न पीएचसी में तैनात 17 एएनएम की बर्खास्तगी। कर्मचारियों पर तमाम तरह के बन रहे दबाव के बाद भी रविवार को एमपीएचडब्ल्यू से जुड़े लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए सरकार के प्रति अपना आक्रोश प्रकट किया। लगातार 14वें दिन धरने पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार के प्रति अपनी खूब भड़ास निकाली और कहा कि सरकार बर्खास्त करें या फिर मामले दर्ज करें। उन्होंने स्पष्ट किया गया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती कर्मचारी धरनास्थल से उठने वाले नहीं है। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार महिलाओं को ही नौकरी से हटाने का कार्य कर रही है। जिससे महिलाओं में रोष बना हुआ है।

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वेदपाल धौड़ ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार जब तक हमारी मांगों से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी नहीं करती है तब तक कर्मचारी हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। एनएचएम में कार्यरत पूनम ब्लॉक छारा ने कहा कि सरकार बर्खास्त की गई सभी एएनएम को जब तक उसी स्थान पर वापिस नौकरी पर नहीं भेजेगी धरना जारी रहेगा। कमलेश ब्लॉक प्रधान ढाकला ने कहा कि सोमवार दस सितंबर को सर्वकर्मचारी संघ के बैनर तले चंडीगढ़ विधानसभा घेराव में भी अधिक से अधिक संख्या में एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारी भाग लेंगे।

इस दौरान आनंद सिलानी, अनिल दूबलधन, संदीप डीघल, मंजीत बादली, सुखबीर बादली, प्रवीन जमालपुर, कमलेश जमालपुर, पूनम छारा सहित अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे। अभी तक किसी भी कर्मचारी की नहीं हुई है गिरफ्तारी

17 एएनएम को बर्खास्त करने के बाद भी कर्मचारी पीछे नहीं हट रहे हैं। कर्मचारियों का कहना हैं कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी और आगामी आंदोलन का फैसला राज्य कमेटी के आदेशानुसार किया जाएगा। गौरतलब है कि अभी तक बर्खास्तगी के पत्र सभी एएनएम को नहीं मिले है। विभाग द्वारा इन एएनएम की बर्खास्तगी के पत्र डाक के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। अभी तक सिर्फ तीन या चार कर्मचारियों को ही पत्र पत्र प्राप्त हुए हैं।

इधर, सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा एस्मा के तहत सीएचसी दूबलधन में तैनात ओमपति और देवेंद्र, सीएचसी डीघल में तैनात वीरेंद्र और सीएचसी जमालपुर में तैनात अशोक पर मामला दर्ज करवाया गया है। लेकिन उक्त किसी भी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

इन एएनएम को किया गया बर्खास्त कानोंदा पीएचसी में तैनात निशा, इंदू, सीमा, कविता और सुनीता, मांडौठी पीएचसी में तैनात सुशीला और सुमित्रा, नूना माजरा पीएचसी में तैनात कुसुम लता, पुष्पा, सरोज, रामरती और सरोज, छारा पीएचसी में तैनात शर्मिला और सरोज, पीएचसी जसौर खेड़ी में तैनात राजेश, मुकेश और सुनीता। हड़ताल का इन योजनाओं पर हो रहा है असर

इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से केंद्र और राज्य सरकार की कई स्वास्थ्य योजनाओं पर असर पड़ा है। घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं का रूटीन चेकअप और डेंगू, मलेरिया के खिलाफ चलाया जाने वाला अभियान इसमें शामिल है।


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