Move to Jagran APP

कोरोना काल में बेरोजगार हुआ तो नकली करंसी का खेल किया शुरू, मार्केट में चला दिए 10 लाख रुपये

सिरसा में तीन लाख की नकली करंसी के साथ 26 अगस्त को सीआइए ने भाई-बहन गिरफ्तार किए थे। एसआइटी ने जांच आगे बढ़ाई तो सामने आया कि पंजाब से गिरोह के तार जुड़ रहे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 10:44 PM (IST)
कोरोना काल में बेरोजगार हुआ तो नकली करंसी का खेल किया शुरू, मार्केट में चला दिए 10 लाख रुपये
कोरोना काल में बेरोजगार हुआ तो नकली करंसी का खेल किया शुरू, मार्केट में चला दिए 10 लाख रुपये

सिरसा, जेएनएन। नकली करंसी मामले में पूरा नेटवर्क रहा है जो पिछले छह माह से नकली करंसी को चला रहा था। सीआइए द्वारा तीन लाख रुपये की नकली करंसी के साथ महिला सहित दो की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में नए खुलासे हुए हैं। इसी पूछताछ के आधार पर पुलिस ने तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया है जो नकली करंसी मिलने के बाद उसे बाजार में खपाने वाले थे। गिरफ्तार  किए गए आरोपितों में रानियां निवासी अनुराग उर्फ कपिल, शमशाबादपट्टी निवासी राजेश उर्फ सोनू तथा नेजाडेला कलां निवासी अरविंद शामिल हैं।

loksabha election banner

बता दें कि सीआइए की टीम ने पंजाब बॉर्डर पर मुसाहिबवाला में नाकेबंदी की हुई थी। इसी दौरान मोटरसाइकिल सरदूलगढ़ की ओर से एक महिला व पुरुष आए और पुलिस पार्टी को देखकर मोटरसाइकिल वापस मोड़ लिया। पुलिस ने मोटरसाइकिल रुकवाकर जांच की तो बैग से तीन लाख रुपये की नकली करंसी बरामद हुई। आरोपितों की पहचान जालंधर के गांव धमूड़ी निवासी गगनदीप व सिरसा की नहर कालोनी निवासी हरपाल कौर के रूप में हुई। पूछताछ में सामने आया कि हरपाल कौर का पति एक साल से नकली करंसी के मामले में बङ्क्षठडा जेल में बंद है और उसके कब्जे से 10 लाख से अधिक की राशि बरामद हुई थी।

30 हजार में एक लाख की देते थे नकली करंसी

एसआइटी प्रभारी डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि गगनदीप से पूछताछ में तीन नए नाम आए हैं जो इस करंसी को मार्केट में खपाने का काम करते हैं। इसी गिरोह से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि 30 हजार रुपये में एक लाख रुपये के नकली नोट उपलब्ध करवाते थे। जबकि पूर्व में एक बार 70 हजार रुपये में तीन लाख नकली करंसी दिए जाने की भी जानकारी मिली है।

एक आरोपित जुड़ा है क्रिकेट बुकिज से

पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार महिला हरपाल कौर को पूरे मामले की जानकारी रही है और इस धंधे से जुड़े दूसरे लोगों की गगनदीप से मुलाकात उसी ने करवाई। गगनदीप के साथ मिलकर धंधा करने के दौरान ही कई अन्य को भी अपने साथ मिला लिया। जिनमें से एक आरोपित रानियां निवासी अनुराग क्रिकेट बुकिज का काम करता रहा है।

कोरोना के बाद नकली करंसी से बनना चाहता था अमीर

डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि नकली करंसी के साथ पकड़ा गया  गगनदीप कुछ समय पहले तक जालंधर के समीप ही एक कपड़े की दुकान पर सेल्जमैन का काम करता था। कोरोना के बाद काम नहीं रहा तो  वह  फिर से नकली करंसी के काम में सक्रिय हो गया। डीएसपी के अनुसार दस लाख से अधिक की राशि को मार्केट में चला चुका है।

अभी भी सवाल अधूरा, कहां छपे थे नकली नोट

पुलिस की पूछताछ के एक दिन बाद भी नकली करंसी छपने के मामले में स्टीक जानकारी नहीं है। हालांकि आरोपितों ने बङ्क्षठडा जेल में बंद जगदीश से पकड़े जाने से पहले करंसी देने की बात स्वीकारी है लेकिन पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क पंजाब से संचालित है। नोट कहां छपे और किसने छापे इसी सवाल का जवाब पुलिस भी ढूंढ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.