Move to Jagran APP

कुल्हड़ में चाय की चुस्की का फिर लौटेगा दौर, नगर निगम ने शुरू की अनोखी पहल

सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से शहर को मुक्त करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने खास पहल शुरू की है। आगामी समय में चाय की दुकानों पर मिट्टी के कुल्हड़ में चुस्की लेने का मौका मिलेगा

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 01:50 PM (IST)
कुल्हड़ में चाय की चुस्की का फिर लौटेगा दौर, नगर निगम ने शुरू की अनोखी पहल
कुल्हड़ में चाय की चुस्की का फिर लौटेगा दौर, नगर निगम ने शुरू की अनोखी पहल

हिसार, जेएनएन। कुल्‍हड़ की मिट्टी की सौंधी खुशबू के साथ चाय की चुस्‍की वाला दौर अब फिर लौटने वाला है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से शहर को मुक्त करने के लिए नगर निगम प्रशासन ने खास पहल शुरू की है। आगामी समय में चाय की दुकानों पर मिट्टी के कुल्हड़ में चाय की चुस्की लेने का मौका मिलेगा। इसके लिए निगम टीम ने चाय विक्रेताओं को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। पहले चरण में निगम टीम ने शहर में 150 कुल्हड़ वितरित कर चाय विक्रेताओं और ग्राहकों को उनके बारे में जागरूक किया है।

loksabha election banner

अभियान की निगम से हुई शुरुआत

एसई रामजीलाल ने अभियान की शुरुआत निगम से की। निगम में चाय देने वाले व्यक्ति प्रवीन को मिट्टी के कुल्हड़ या कप में ही चाय लाने का आदेश दिए। ऐसा न करने पर उसका चालान करने की चेतावनी भी दे डाली। इस पर प्रवीन ने प्लास्टिक के कप की बजाय मिट्टी के कुल्हड़ व कप में चाय देना शुरू किया। चाय विक्रेता प्रवीन ने कहा कि प्लास्टिक के एक कप की कीमत 35 पैसे थी। जबकि कुल्हड़ की 4-5 रुपये है। ऐसे में जहां कुल्हड़ प्रयोग होगा ,वहां चाय की कीमत में बढऩे की संभावना पैदा हो जाएगी।

मिट्टी के बर्तन उपलब्ध करवाने वालों की तलाश

चाय विक्रेता को मिट्टी के कुल्हड़ सस्ती दरों पर उपलब्ध हो, इसके लिए नगर निगम की टीम हिसार सहित आसपास के ब्लॉकों में सस्ती दरों पर कुल्हड़ बनाने वाले लोगों को  तलाश रहा है। जो उन्हें दो रुपये से कम राशि में प्रति कुल्हड़ उपलब्ध करवा सके। पिछले कई दिनों से निगम टीम शहर के कुम्हारान मोहल्ला, 12 क्वार्टर रोड एरिया में मिट्टी के कुल्हड़ बनाने वालों से बातचीत कर उन्हें कम दाम में कुल्हड़ बनाने के लिए राजी करने में लगी हुई है। उधर कुम्हारों की माने तो दो रुपये से कम में उन्हें पड़ता नहीं खाता। एक रुपये बनाने की कीमत आती है। ढाई रुपये में बेचते हैं। जो बाजार में व्यापारी 5-7 रुपये प्रति कुल्हड़ बेचता है।

कुल्हड़ पकाने के लिए जगह की दरकार

कुल्हड़ बनाने वाले कुम्हारान मोहल्ला निवासी चंद्रभान ने बताया कि कुल्हड़ तो दो रुपये तक प्रशासन को दे सकते हैं लेकिन बड़े स्तर पर कुल्हड़ बनाने के लिए उन्हें चिकनी मिट्टी की जरूरत है। उसे प्राप्त करने में काफी परेशानी आ रही है। कई गांवों ने मिट्टी देने से मना कर दिया। प्रशासन मिट्टी व पकाने की जगह दे तो सस्ते दरों पर कुल्हड़ तैयार हो सकते हैं।

कुल्हड़ में चाय पीने के हैं लाभ

प्लास्टिक कप में कैमिकल होते हैं जो बीमारी को न्योता देते हैं। कुल्हड़ से बीमारियों से बचाव होगा तथा पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा। कुल्‍हड़ को आसानी से नष्‍ट किया जा सकता है, लेकिन प्‍लास्टिक के कपों को गलाने में लंबा वक्‍त लगता है। कुल्‍हड़ का काम बढ़ने से लघु उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।

- डा. ज्ञानेंद्र, फिजिशियन,सामान्य अस्पताल

---शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त करने के लिए नगर निगम प्रशासन कार्य कर रहा है। इस अभियान को आगे बढऩे के लिए प्लानिंग की जा रही है। प्लानिंग के साथ जल्द ही इसे अगले चरण में सिरे चढ़ाया जाएगा।

- रामजीलाल, एसई, नगर निगम हिसार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.