यहां नशा और तस्करी करने में पीछे नहीं महिलाएं, लगा रहीं नशे के इंजेक्शन
आमतौर पर नशा करने के लिए पुरुष वर्ग ही आगे रहता है। मगर हरियाणा के फतेहाबाद जिले में नशा करने और इसकी तस्करी में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है।
फतेहाबाद [मुकेश खुराना] आमतौर पर नशा करने के लिए पुरुष वर्ग ही आगे रहता है। मगर हरियाणा के फतेहाबाद जिले में नशा करने और इसकी तस्करी में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है। पंजाब से सटा जिला फतेहाबाद पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आ चुका है। हेरोइन के अलावा हर प्रकार का नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है और पंजाब सरकार की सख्ती के बाद वहां के तस्कर भी यहां सक्रिय हो चुके हैं। मगर अब महिलाओं द्वारा नशा करने और तस्करी करने के मामले बढ़ रहे हैं। क्लीनिकल काउंसलरों का कहना है कि 20 फीसद से ज्यादा महिलाएं कई तरह का नशा ले रही हैं। नशे की गोलियों के अलावा महिलाएं नशे के इंजेक्शन लगा रही हैं और चूरापोस्त को खाने में भी परहेज नहीं कर रही। अब इलाज करवाने के लिए महिलाएं अस्पताल पहुंच रही हैं।
जिले में इस साल पकड़ा जा चुका नशा अफीम
4 किलो 300 ग्राम
चूरापोस्त 189 क्विंटल
स्मैक 390.72 ग्राम
हेरोइन 2 किलो 300 ग्राम
गांजा 23 किलो
गोलियां 74 हजार 560
नशीली दवाई 1010 शीशी
इंजेक्शन 102
अवैध शराब 77 हजार 787 बोतल
अब तक 410 आरोपितों को पकड़ा
जिला पुलिस ने इस साल अब तक 260 मामले एनडीपीएस के दर्ज किए हैं। जिसमें 410 आरोपितों को पकड़ा चुका है। मामले अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि पुलिस ने नशा तस्करी में पकड़े गए आरोपितों को कोर्ट से रिमांड पर जरूर लिया है लेकिन मुख्य तस्करों तक नहीं पहुंची है। दिल्ली से नाइजीरियन आसानी से हेरोइन उपलब्ध करवा रहे हैं। नशेड़ी खुद नशा करने के साथ-साथ खर्चा निकालने के लिए दोगुने रेट पर हेरोइन बेच देते हैं। इसी के चलते जिला में नशा बढ़ रहा है।
80 फीसद नशेडी ले रहे हेरोइन नशा
सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र की शुरूआत हुए करीब सात माह हो चुके हैं। यहां पर उपचार करवाने के लिए करीब 250 मरीज दाखिल हो चुके हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि दाखिल होने वाले 80 फीसद मरीज हेरोइन नशा ले रहे हैं। 10 फीसद मरीज एल्कोहल, पांच फीसद मरीज मेडिकल, पांच फीसद मरीज चूरापोस्त व अफीम व अन्य नशा ले रहे हैं।
उपचार के लिए लिया नशा, बन गया आदत
केस एक : नशा मुक्ति केंद्र में काउंसलिंग के दौरान मेडिकल नशा लेने वाली ग्रामीण क्षेत्र की महिला ने बताया कि बीमार होने पर झोलाछाप डाक्टर ने उसे नशा के इंजेक्शन लगाए थे। लगातार इंजेक्शन लगवाने के बाद वह आदी हो गई। उसके बाद खुद ही नशे के इंजेक्शन लगाने लगी। अब उसकी आदत छुड़वाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल किया गया है।
केस दो : काउंसलिंग में दूसरा केस सामने आया कि शरीर में दर्द होने के कारण महिला को किसी ने चूरापोस्त लेने का सुझाव दिया। दवाई के तौर पर उसने एक चम्मच लेना शुरू किया। जिसके बाद उसकी मात्रा लेने की बढ़ती गई और वह उसकी आदी हो गई। जिसके बाद उसने काफी मात्रा में रोजाना चूरापोस्त लेना शुरू कर दिया।
-- महिलाओं भी नशा ले रही हैं, मुख्य कारण तस्करी से जुड़ना व परिवार में किसी सदस्य का नशा लेना है। मेडिकल नशा की महिलाएं सबसे ज्यादा आदी हो रही हैं। उपचार के दौरान लिए गए नशे की अब उन्हें आदत हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा महिलाएं एलप्रेक्स टेबलेट ले रही हैं। जो कि नींद न आने के कारण लेती हैं और बाद में उसकी आदी हो रही हैं। महिलाओं को किसी दवा का आदी नहीं होना चाहिए। काउंसलिंग के द्वारा नशे को छोड़ा जा सकता है।
- डा.गिरीश मनोरोग विशेषज्ञ, सिविल अस्पताल फतेहाबाद ।