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हिसार एयरपोर्ट पर एनवायरन्मेंट क्लीयरेंस के लिए करना होगा इंतजार, जनसुनवाई 25 मार्च को

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जनसुनवाई का कार्यक्रम 25 मार्च को प्रात 11 बजे एयरपोर्ट परिसर में ही आयोजित होगा। इसमें एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति राय दे सकता है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 12:16 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 02:05 PM (IST)
हिसार एयरपोर्ट पर एनवायरन्मेंट क्लीयरेंस के लिए करना होगा इंतजार, जनसुनवाई 25 मार्च को
हिसार एयरपोर्ट पर एनवायरन्मेंट क्लीयरेंस के लिए करना होगा इंतजार, जनसुनवाई 25 मार्च को

हिसार, जेएनएन। हिसार एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विस्तार के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस की जन सुनवाई 25 मार्च को एयरपोर्ट परिसर में की जाएगी। इसमें एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव, विचार व आपत्तियां दर्ज करवा सकता है। ऐसे में एक महीना तो अभी जन सुनवाई में ही है आगे की प्रक्रिया फिर शुरू होगी तो इंतजार बाकी है। 20 नवंबर से ही उड़ानें बंद पड़ी हैं।

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उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि हिसार एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत एनवायरन्मेंट क्लीयरेंस के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन किया गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जनसुनवाई का कार्यक्रम 25 मार्च को प्रात: 11 बजे एयरपोर्ट परिसर में ही आयोजित किया जाएगा। इसमें एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति अपनी आपत्ति, सुझाव अथवा विचार रख सकता है।

उपायुक्त ने बताया कि कुल 7200 एकड़ भूखंड पर विकसित किए जा रहे हिसार एयरपोर्ट की विस्तार के बाद संचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इससे एयरपोर्ट की यात्री हैंडलिंग क्षमता 3.5 एमपीपीए (प्रतिवर्ष यात्रियों की संख्या)और कार्गो क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन एमटीपीए होगी। यह गतिविधि-7 (ए) व श्रेणी-ए का एयरपोर्ट होगा जिस पर 946 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्ररीय हवाई अड्डे की भीड़भाड़ व ट्रैफिक को कम करने में मददगार साबित होगी, जिसे वार्षिक आधार पर 6.34 करोड़ लोग आने-जाने के लिए प्रयोग करते हैं।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना का मकसद प्रदेश में रोजगार और शिक्षा को बढ़ावा देना, हवाई यात्रा, साहसिक खेल, पर्यटन को बढ़ाने तथा हिसार की हवाई पट्टïी को एकीकृत विमानन हब के रूप में विकसित करना है ताकि एक ही स्थान पर कार्गो, अंतर्राष्ट्ररीय हवाई अड्डा, एमआरओ इत्यादि व्यापार के साथ उद्योग के लिए बेहतर अवसर पैदा कर सकें।

वर्तमान में, केवल चरण-2 में कोड ई 4ई के विमान के लिए 3000 मीटर गुणा 60 मीटर के रनवे के साथ 3.5 एमपीपीए की हैंडलिंग क्षमता और 20 हजार एमटी की कार्गो क्षमता के लिए विकसित की जाएगी। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में कोड 4ई के विमानों के यातायात की अनुमति मिल सकेगी और अनुसूचित व गैर अनुसूचित विमानों का संचालन हो सकेगा। यहां प्रतिदिन 20 उड़ानों की आवृति होगी। इसमें 2 हैंगर व एक एप्रन (300 गुणा 120 मीटर) 10 पार्किंग स्टैंड-कोड ई, मौजूदा के अलावा एक समानांतर टैक्सीवे तथा नेवीगेशन सहायता के लिए उच्च आवृति का डॉपलर व स्थान मार्कर बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जोखिम आकलन के लिए हवाई अड्डे पर खतरों की पहचान विशेषण और दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण को प्राथमिकता दी जाएगी। सुरक्षा के लिए वरिष्ठ प्रबंधन प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए हवाई अड्डे के पास औपचारिक रूप से एक सुरक्षा नीति को अपनाया गया है जिसका उद्देश्य उच्च सुरक्षा व जवाबदेही लागू करना है। उन्होंने बताया कि शहर के चारों तरफ हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इससे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण को कम करने और क्षेत्र के सौंदर्य को बढ़ाने में मदद मिलेगी।


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