रनवे के बाद हिसार एयरपोर्ट को डिफेंस मैन्युफैक्चरिग के लिए भी करेंगे प्रयोग
पाकिस्तान और चीन नजदीक होने के कारण यह एयरपोर्ट और भी खास हो जाता है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रक्षा विनिर्माण के लिए हिसार एयरपोर्ट पर एक स्थान दे दिया जाएगा। जिसमें एयरोस्पेस के निर्माण व उन्हें सही करने का काम किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार इंटीग्रेटेड एविएशन हब के दूसरे फेज में रनवे के अलावा कई बड़े कार्य होने हैं। इनमें डिफेंस मैन्युफैक्चरिग एंड डिफेंस एमआरओ (रक्षा एयरोस्पेस विनिर्माण) शामिल है। हिसार हवाई अड्डा इतना महत्वपूर्ण है कि देश को सामरिक दृष्टि से काफी मदद कर सकता है। पाकिस्तान और चीन नजदीक होने के कारण यह एयरपोर्ट और भी खास हो जाता है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार रक्षा विनिर्माण के लिए हिसार एयरपोर्ट पर एक स्थान दे दिया जाएगा। जिसमें एयरोस्पेस के निर्माण व उन्हें सही करने का काम किया जाएगा। इस पर मोहर इसी से लग जाती है कि सरकार की सेना से बात चल रही है। जल्द ही सकारात्मक रुख भी सामने आएगा। बहरहाल यह तय है कि रक्षा विशेषज्ञ इस एविएशन हब का प्रयोग कर सकेंगे।
रनवे पर लगेंगी कैट-2 लाइटें
यहां रनवे पर कैट-2 लाइट प्रणाली, सह सहायक लैंडिग प्रणाली, डीवीओआर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की हवाई आधारभूत संरचना विकसित की जाएगी। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा हाल ही में 7200 एकड़ के एयरपोर्ट विकास क्षेत्र के लिए पर्यावरण अनुमति एवं प्रबंधन कार्यक्रम की सिफारिश की गई है।
एविएशन हब के दूसरे फेज में यह कार्य होंगे
- 160 करोड़ रुपये की लागत से हवाई पट्टी को 1200 मीटर से बढ़ाकर 3000 मीटर लंबा किया जाएगा।
- हवाई पट्टी की चौड़ाई 60 फुट होगी
- विमानन प्रशिक्षण, सिम्युलेटर प्रशिक्षण
- छोटे स्तर की मरम्मत सुविधा
- रक्षा एयरोस्पेस विनिर्माण
- एयर कार्गो पोर्ट बनाया जाएगा