weather update: बारिश से बढ़ी शीतलहर, आज भी तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी के आसार
दो से तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। किसान मौसम देखकर गेहूं की फसल में सिचाई करें। अगर तेज हवा आएगी तो पूरी फसल जमीन पर बिछ जाएगी।
हिसार, जेएनएन। फरवरी महीने के आखिर में मौसम में गर्मी बढ़ने लगती है और सर्दी सुबह और रात के समय में ही महसूस होती है। मगर इस बार ऐसा नहीं है। मौसम बार बार करवट बदल रहा है। कभी धूप निकल रही तो कभी बादल छा रहे हैं। मंगलवार और बुधवार को भी इसी तरह का मौसम बना हुआ है।
वहीं मंगलवार को भी सुबह तेज धूप निकली मगर शाम होते होते मौसम ने मिजाज बदल लिया। तेज हवाओं के साथ काले बादल छा गए। हिसार में ठंड रही तो वहीं आस पास के जिलों में हल्की बूंदाबांदी के साथ मौसम बदल गया। फतेहाबाद में बूंदाबांदी तो वहीं चरखी दादरी में तो ओलावृष्टि भी हुई। सोमवार को देर रात भी कई जगहों पर बारिश हुई थी। बुधवार को दोहपर का अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्यियस दर्ज किया गया। वही न्यूनतम तापमान 07 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं मौसम विभाग ने 27 को बादल छाने व बरसात होने की संभावना जताई है। बदलते मौसम को देख किसानों की सांसे अटकी हुई हैं।
सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक बरसात
अगर इस समय बरसात होती है तो यह सरसों की फसल के लिए नुकसान दायक हो सकती है। बिरानी क्षेत्र में कुछ समय बाद सरसों की कटाई भी शुरू होने वाली है। किसान रामस्वरूप, सुरेश, महेश, सुरजीत सिंह, भूप ङ्क्षसह ने बताया कि इस समय सरसों की फसल पकर तैयार है। अगर बरसात के साथ ओलावृष्टि हो गई तो बड़ा नुकसान होगा। वहीं मौसम विभाग भी संभावना जता रहा कि आने वाले दो से तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। जिससे किसानों की सांसें अटक गई।
बदलते मौसम में रखे स्वास्थ्य का ध्यान
बाल रोग विशेषज्ञ नागरिक अस्पताल ईला नारंग ने कहबदलते मौसम में अक्सर बच्चे बीमारी की चपेट में आ जाते है। सुबह शाम अधिक ठंड और दिन के समय गर्मी होने के कारण कुछ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना अनिवार्य है। बच्चों को सुबह शाम गर्म कपड़े पहनाने चाहिए। इसके अलावा खानपान का विशेष ध्यान रखे। ऐसे मौसम में भरपेट भोजन नहीं करना चाहिए। रूक-रूक कर भोजन करना चाहिए। अगर बच्चे को किसी प्रकार की दिक्कत है तो उसे डॉक्टर केे पास लेकर जाना चाहिए। इस मौसम दस्त व उल्टी की शिकायत रहती है।
मौसम को ध्यान में रख सिचाई करें किसान
उपकृषि निदेशक डॉ. बलवंत सहारण ने कहा कि आने वाले दो से तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। किसान मौसम देखकर गेहूं की फसल में सिचाई करें। अगर तेज हवा आएगी तो पूरी फसल जमीन पर बिछ जाएगी। जिससे गेहूं का दाना विकसित नहीं होगा।