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Weather Haryana: दिन में तेज धूप, रात और सुबह में मिठी ठंड, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

प्रदेश में 14 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में हल्की गिरावट संभावित है। इस मौसम में किसानों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 05:09 PM (IST)
Weather Haryana: दिन में तेज धूप, रात और सुबह में मिठी ठंड, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम
बदलते माैसम में सेहत का ख्‍याल रखना बेहद जरूरी है

हिसार, जेएनएन। मानसून के रवाना होते ही मौसम में परिवर्तन साफ देखा जा सकता है। अक्टूृबर माह के पहले सप्ताह से ही दिन और रात्रि तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। तापमान की गिरावट आगे भी जारी रहेगी। गिरते तापमान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को हिसार में रात्रि तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट थी। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम  17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खीचड़ ने बताया कि प्रदेश में 14 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से तापमान में हल्की गिरावट संभावित है। इस मौसम में किसानों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

सेहत का रखें ख्‍याल

कभी गर्मी तो कभी ठंड का अहसास, इस तरहा का मौसम हमें बीमार कर सकता है। इसलिए बिल्‍कुल भी लापरवाही नहीं बरतें। साथ ही इस तरह के मौसम में कोरोना भी ज्‍यादा फैल सकता है। इसलिए उबले पनी का सेवन करें और फ्रिज के पानी को न पीएं। इसके अलावा तली हुई चीजों को भी अवॉयड करें।

किसान बदलते मौसम में इन बातों का रखें ध्यान

- सरसों की बिजाई से लिए भूमि  को अच्छी प्रकार से तैयार कर नमी संरक्षित करें।

- विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्मों आरएच 725, आरएच 749, आरएच 30 आदि के प्रमाणित बीजों का प्रबंध करें।

- तापमान अनुकूल होने पर (दिन का 32 डिग्री सेल्सियस) बिजाई शुरू करें।

- बिजाई से पहले सरसों में बीजोपचार अवश्य करें, इसके लिए 2 ग्राम कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से अवश्य उपचारित करें।

- मौसम खुश्क रहने की संभावना देखते हुए सब्जियों व फलदार पौधों तथा हरे चारे की फसलों में आवश्यकतानुसार ङ्क्षसचाई करें।

- नरमा कपास की चुनाई सूर्य निकलने के बाद शुरू करें ताकि सुबह ओस के कारण उत्पादन की क्वालिटी पर प्रभाव न पड़े।

- मौसम खुश्क रहने की संभावना को देखते हुए पकी हुई खरीफ फसलों की कटाई व कढ़ाई पूरी करें।


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