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हरियाणा में मौसम का मिजाज बदला, हुई हल्की बूंदाबांदी, मगर नहीं मिली हीट वेव से राहत

हरियाणा में मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते देखने को मिला है। इसी प्रकार 22 मई को भी ज्यादातर क्षेत्रों में धूल भरी हवा चलने की संभावना है । इसके साथ ही उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी के असार बने हुए हैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 07:45 PM (IST)
हरियाणा में मौसम का मिजाज बदला, हुई हल्की बूंदाबांदी, मगर नहीं मिली हीट वेव से राहत
हरियाणा में गर्मी पर नहीं चल रहा बारिश का जोर।

हिसार, जागरण संवाददाता। हरियाणा में गर्मी इतनी बढ़ गई है कि मौसम बदलाव और बारिश का भी असर इस पर नहीं दिख रहा है। एक दिन पहले भी हल्की बूंदाबांदी हुई मगर गर्म हवाओं से राहत नहीं मिली। आगामी दिनों में तापमान कम होने की बात तो कही जा रही है मगर कम होते होते भी 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास दिन का तापमान बना रहता है।

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लोगों को नहीं मिली गर्मी से राहत

पिछली बार पश्चिमी विक्षोभ के आने पर भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दी। शनिवार को भी इसी प्रकार का मौसम रहेगा। धूप तो निकलेगी मगर बूंदाबांदी भी हो सकती है। जिससे तापमान कुछ कम रहेगा। मौसम विज्ञानियों की मानें तो उत्तरी व पश्चिमी हरियाणा में आगामी एक दो दिनों में हीट वेव से राहत मिल सकती है। जिससे लोगों को गर्मी से हल्की राहत मिलने के आसार हैं। राज्य में मौसम शुक्रवार को परिवर्तित हुआ है। कुछ क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी देखने को मिली। यह स्थित शनिवार तक रहेगी। इसके एक दिन तक दिन के तापमान में कमी देखने को मिलने की संभावना है।

इन दिनों में मिल सकती है राहत

मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते देखने को मिला है। इसी प्रकार 22 मई को भी ज्यादातर क्षेत्रों में धूल भरी हवा चलने की संभावना है । इसके साथ ही उत्तरी व पश्चिमी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी के असार बने हुए हैं। गौरतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यरेखा-क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य- उष्णकटिबंधीय आंधी है जो सर्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात बारिश ले आती है। यह बारिश मानसून की बरसात से भिन्न होती है। बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियां विश्व में सब जगह होती हैं। इनमें नमी सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुंच जाती है, जबकि उष्णकटिबंधीय आंधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है। भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक जा पहुंचती है तो नमी कभी-कभी बरसात के रूप में बदल जाती है।


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