weather update : हवा का रूख बदलने से छाए बादल, बारिश की संभावना
हवा का दबाव बनने से उमस से लोग हुए परेशान। बादल छाने से तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस तक कमी आई। अगले दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना
हिसार/फतेहाबाद, जेएनएन। कई दिनों से लगातार बढ़ रही धूप और गर्मी के बाद रविवार सुबह हवा का रूख एकाएक बदल गया। पहले पश्चिम से पूर्व की तरफ हवा चल रही थी जो अब बदलकर पूर्व से पश्चिम हो गई। आसामन में दोपहर बाद बादल छा गए तो मौसम सुहाना हो गया। इससे गर्मी से भी राहत मिली।
तापमान में भी एक दिन की अपेक्षा 3 डिग्री तक गिरावट आई है। वहीं मौसम विभाग भी 26 व 27 अगस्त को हल्की से मध्यम बरसात की संभावना जता रहा है। अगर इस समय बरसात होती है तो धान की फसलों के लिए फायदा होगा तो नरमे की फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है।
रविवार को एकाएक हवा बदलने के कारण लोगों को उमस से भी परेशान होना पड़ा। पूर्व की तरफ से हवा चलने के कारण उमस अपने आप ही बढ़ जाती है। लेकिन दिन के समय बादल छाने के कारण लोगों को कुछ राहत मिली। रविवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बरसात होगी तो गर्मी से मिलेगी राहत
करीब दस दिन पहले जिले में बरसात हुई थी। लेकिन उसके बाद गर्मी व उमस से लोग परेशान थे। दो दिन पहले तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया था। यहीं कारण है कि गर्मी बढऩे के साथ ही हवा का दबाव भी बना और रूख भी बदल गया है। आने वाले दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। बरसात होगी तो लोगों को गर्मी से राहत भी मिलेगी। बरसात के बाद उमस भी बढ़ सकती है।
धान की फसलों फायदा, नरमे की फसल को नुकसान
अगर इस समय बरसात होती है तो कुछ किसानों को फायदा होगा तो कुछ किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं। धान की फसलों के लिए बरसात अमृत से कम नहीं है। वहीं नरमे की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। किसान रामस्वरूप, सुरजीत सिंह, महेश कुमार, साहिल कुमार ने बताया कि धान की फसलों को फायदा होगा। अब नरमे की फसलों में फल आना शुरू हुआ है। अगर तेज हवाओं के साथ बरसात होगी तो सारा फल जमीन पर गिर जाएगा। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर बरसात आए तो तेज हवाएं साथ में ना हो।
---आने वाले दो दिनों तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। इसलिए किसान सिचाई करते समय मौसम का ध्यान रखे। अगर तेज हवाएं भी आएगी तो नरमे की फसल जमीन पर बिछ सकती है। वहीं धान की फसल को भी नुकसान हो सकता है। दो दिनों हल्की बूंदाबांदी तो कही तेज बरसात भी हो सकती है। मौसम देखकर ही कीटनाशक का प्रयोग करे।
डा. बलवंत सहारण, उपकृषि निदेशक फतेहाबाद।