सिरसा में रिस्क पर जिंदगी, लोग जिस नाव में करते हैं घग्घर नदी पार, उसी में छेद
सिरसा के पनिहारी गांव के लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं। यहां घग्गर का जलस्तर बढ़ा है। पार जाने का एक ही रास्ता है नाव। 200 लोग रोज नाव में नदी पार करते हैं। इसमें छेद है। एक किनारे फरवाई गांव है तो दूसरी तरफ बुढ़ाभाणा।
गुरचरण दास, पनिहारी। फासले पर केवल घग्घर नदी है। एक तरफ फरवाई गांव है तो दूसरी तरफ बुढ़ाभाणा गांव है। दोनों और एक-दूसरे के खेत लगते हैं व बुढ़ाभाणा के लोगों को यदि सिरसा आना है तो नदी पार करने के लिए नाव ही सहारा है। उफान पर घग्घर नदी में भी ग्रामीण एक बड़ा रिस्क उठाकर एक किनारे से दूसरे किनारे पहुंच रहे हैं। आवाजाही के लिए वर्षों पुरानी नाव है और इस नाव में छोटे छेद हो गए हैं जिसमें पानी भरता है। किनारे पहुंचने के बाद खेवट बर्तन से पानी निकालता है और फिर एक किनारे से दूसरे किनारे के लिए नाव चल पड़ती है। यह नाव प्रशासन द्वारा वर्षों पहले दी गई थी जिसका उपयोग अब भी किया जा रहा है।
पहले पिता तो अब बेटा पहुंचाता है दूसरी ओर
नाव को भजनलाल चलाता है। ग्रामीण उसकी कुछ सहायता करते हैं। सुबह आठ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक नाव खड़ी रहती है। इस दौरान किनारे पर ग्रामीण दिखाई दे तो उसी तरफ नाव चली आती है। भजनलाल के अनुसार पहले उनके पिता प्यारे लाल 50 वर्षों तक नाव चलाते रहे और उनके बाद अब पिछले चार साल से वे इस नाव को चला रहे हैं।
एक समय पांच से छह व्यक्ति करते हैं सफर
भजनलाल ने बताया कि दिन कोई भी हो वह सुबह आठ बजे घग्घर नदी पर पहुंचते हैं। पानी कम होता है तो नाव में कम लोग चल पाते हैं लेकिन इस समय पांच से छह व्यक्ति नाव में बैठाकर वे नदी पार करवाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिन में 200 के करीब व्यक्ति नदी पार कर लेते हैं।
प्रशासन उपलब्ध करवाए नाव
फरवाई खुर्द के रमेश कुमार ने कहा कि उन्हें नदी के दूसरी तरफ जाना पड़ता है, उस और खेत हैं। यदि दूसरे गांव से घूमकर आए तो 12 किमी का सफर तय करना पड़ता है। जबकि यहां बीच में केवल नदी ही है। नाव से इधर से उधर जाते हैं प्रशासन को नई नाव उपलब्ध करवानी चाहिए।
सिरसा के गांव पनिहारी में घग्घर नदी में बढ़ा जल स्तर। पुल लगभग डूब चुका है।
सिरसा जाने के लिए यही छोटा रास्ता
कौर सिंह ने कहा कि बुढ़ाभाणा से सिरसा जाने के लिए ग्रामीण नाव से ही नदी पार करते हैं। दिन भर ग्रामीण इधर से उधर जाते रहते हैं। नाव अच्छी होनी चाहिए। इस समय वैसे भी घग्घर नदी उफान पर है।
वर्षों से चल रही है नाव
हरदीप सिंह ने कहा कि खेत में जाने के लिए नाव ही सहारा है। इससे एक व्यक्ति को रोजगार मिला हुआ है। प्रशासन को भी इस गरीब व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। दूसरी तरफ खेतों में रखवाली के लिए नाव से जाते हैं। वर्षों से यहां नाव चल रही है।
दूसरी नाव दे प्रशासन
पूर्व सरपंच रामजस ने कहा कि प्रशासन के पास कई नाव हैं। इस नाव में छेद हो गए है तो प्रशासन दूसरी नाव उपलब्ध करवा दे। लोगों की आवाजाही इसी नाव से है। दिन भर नाव उपलब्ध होने से लोगों को दूर से घूमकर नहीं जाना पड़ता। अच्छी सुविधा है।
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