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वार्डबंदी बनी मजाक, लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया, भाजपा नेता को गले लगाया

जागरण संवाददाता, हिसार : शहर की वार्डबंदी हर कोई अपने हिसाब से करवाना चाहता है। इसि

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 03:01 AM (IST)
वार्डबंदी बनी मजाक, लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया, भाजपा नेता को गले लगाया
वार्डबंदी बनी मजाक, लोगों का रजिस्ट्रेशन करवाया, भाजपा नेता को गले लगाया

जागरण संवाददाता, हिसार : शहर की वार्डबंदी हर कोई अपने हिसाब से करवाना चाहता है। इसलिए भाजपा नेताओं, पार्षदों और निगम अधिकारियों ने वार्डबंदी को खेल बना दिया है। नियमों की परवाह किए बिना वार्डबंदी अपने चहेतों के अनुरूप करवाने की दौड़ बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय में देखने को मिली। जहां आम आदमी ने एसडीएम कार्यालय के सरकारी रजिस्टर में अपनी आपत्ति व सुझाव के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। वहीं पार्षदों व उनके करीबियों को वीआइपी ट्रीटमेंट दिया गया। निगम कमिश्नर अशोक बंसल ने सीधे अपने स्तर पर उनकी आपत्तियां व सुझाव लिए। आलम यह था कि बीआइ भाजपा नेता के गले लग कर स्वागत कर रहे थे। ऐसे में कई सवाल अधिकारियों की निष्पक्षता व पारदर्शिता पर खड़े हो गए। सबसे ज्यादा सवाल कमेटी चेयरमैन व एडीसी एएसमान ने खड़े किए। उन्होंने कमिश्नर अशोक बंसल को कई बार टोका कि आपने वार्डबंदी का नक्शा, ब्लॉक डिटेल और कौन सा ब्लॉक किस एरिया में आता है। उसको मी¨टग कक्ष व उसके बाहर बोर्ड पर क्यों नहीं लगाया, जिससे आम आदमी में ब्लॉक को लेकर पैदा हुआ संशय खत्म हो जाता। कमिश्नर साहब आप पादर्शिता की बातें करते हैं, लेकिन पारदर्शिता नजर नहीं आ रही है। एडीसी के सवालों के जवाब देने के बजाय निगम आयुक्त अशोक बंसल बीआइ को फटकार लगाकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे रहे।

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बता दें कि वार्डबंदी को लेकर कोई विरोध न हो और हाईकोर्ट के चक्कर में नगर निगम चुनाव प्रभावित नहीं हो। इसको देखते हुए उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने तीन सदस्यीय कमेटी को आपत्तियां व सुझाव सुनने के आदेश दिए थे। इसी कारणवश बृहस्पतिवार को तीन सदस्यीय कमेटी के चेयरमैन व एडीसी एएसमान, निगम कमिश्नर अशोक बंसल व एसडीएम परमजीत चहल ने आपत्तियां व सुझाव सुने। लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज करवाने के बाद सभी की सुनवाई हुई। किसी ने एसडीएम कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज करवाई तो पार्षदों ने निगम आयुक्त को अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। कुल 110 आपत्तियों की सुनवाई हुई है।

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इस प्रकार रहे सुझाव व आपत्तियां

. वार्ड 15 की महिलाओं और पुरुषों ने कुल 98 आपत्तियां व सुझाव दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने मौजूदा सिफारिशों को ज्यों का त्यों रखने की मांग रखी।

. पार्षद प्रीतम सैनी ने सुझाव दिया कि सिफारिशों से पूर्व हुई वार्डबंदी सही थी।

. पार्षद डा. महेंद्र जुनेजा ने सुझाव दिया कि उनके वार्ड के एक ब्लॉक को वार्ड 15 में जोड़ दिया गया है। उसे पुन: उनके वार्ड में जोड़ा जाए।

. पार्षद रेखा सैनी ने उनके वार्ड से हटाए गए तीनों ब्लॉकों को वापस जोड़ा जाए।

. पार्षद रेखा ऐरन ने सिफारिशों से पूर्व की वार्डबंदी को सही बताया और उसकी अनुरूप इसे रखने की सिफारिश की।

. सीनियर डिप्टी मेयर डीएन सैनी ने ब्लॉक 98, 99 और 100 को उनके वार्ड में जोड़ने की सिफारिश की।

. पार्षद रेखा सैनी के साथ आए सुभाष सैनी ने सेक्टर 9-11 को वार्ड 12 में शामिल करने और नये बनाए वार्ड 14 में माडल टाउन एरिया जोड़ने की सिफारिश की।

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बॉक्स

भाजपा नेता बोले - मैंने ऊपर बात कर ली है, सब सेट है

वार्डबंदी के लिए आपत्ति वार्ड 20 से पार्षद रेखा ऐरन ने एडीसी के माध्यम से दर्ज करवाई थी। जहां जनता में आपत्ति दर्ज करवाने वाले को नाम के साथ एक -एक कर बुलाया गया था। वहीं पार्षद रेखा ऐरन के साथ उनके पति व भाजपा नेता हनुमान ऐरन भी पहुंचे। एसडीएम ऑफिस में प्रवेश करने के साथ ही अपने साथी पार्षद की ओर इशारा कर बोले कि मैंने ऊपर बात कर ली है, सब सेट है। तुम ¨चता मत करो। साथी पार्षद ने इशारा कर उन्हें बताया कि एक व्यक्ति की ओर आंखों से इशारा किया। जिसके बाद उन्होंने चुप्पी साध ली है। जिस व्यक्ति की बात साथी पार्षद कर रहे थे, वह वार्ड 15 से अपनी आपत्ति दर्ज करवा रहे थे।

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बॉक्स

वार्ड 15 के लोगों ने यह लगाए आरोप

वार्ड 15 के राकेश पंडित, राजीव सरदाना सहित अन्य लोगों ने वार्डबंदी में वार्ड 20 पार्षद के पति व भाजपा नेता पर शुरूआत से वार्डबंदी में फेरबदल करवाने को लेकर दबाव बनाने के आरोप लगाए थे। बृहस्पतिवार को पार्षद रेखा ऐरन की जताई आपत्ति पर भाजपा नेता भी उनके साथ सुनवाई में शामिल हुए तो लोगों के आरोप सही साबित हो गए। जहां आम आदमी में केवल आपत्ति दर्ज करवाने वाले को बुलाया गया था, वहीं पार्षद के साथ भाजपा नेता को बुलाने पर निगम आयुक्त सही अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। लोगों ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता असंवैधानिक तरीके से वार्डबंदी की सुनवाई में पहुंचे। वार्डबंदी को लेकर उनकी राय पूरी तरह से असंवैधानिक थी। निगम आयुक्त अशोक बंसल को सब कुछ पता होने के बावजूद वह चुप्पी साधे बैठे रहे।

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वर्जन .

मैं तो जनरल वार्ड से जीता था। बीसी वार्ड होने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। पहले वार्डबंदी सही थी।

- प्रीतम सैनी, पार्षद वार्ड 15

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वर्जन.

सभी लोगों की आपत्तियां व सुझाव सुने गए हैं। कमेटी चेयरमैन ही आगामी निर्णय लेंगे।

- अशोक बंसल, निगम आयुक्त

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वर्जन..

मौजूदा सिफारिशों को लागू करने की मांग वार्ड 15 के लोगों ने की है। वार्ड 20 से भाजपा नेता पूरी तरह से वार्ड 15 में हस्तक्षेप कर रहे है। वह अपने वार्ड से अपने करीबियों की हार बचाने के लिए ऐसा कर रहे है। राजनीतिक दबाव के साथ वह निगम अधिकारियों के साथ मिलकर यह खेल खेल रहे है। वार्डबंदी की सिफारिशों में बदलाव होता है तो हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

- राकेश पंडित, मुख्य शिकायतकर्ता, वार्ड 15


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