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वीवीपैट मशीनों पर सीधी रोशनी न पड़ने दें, आ सकती है खराबी : सिटीएम

जागरण संवाददाता हिसार उप जिला निर्वाचन अधिकारी सिटीएम एवं नेशनल मास्टर ट्रेनर शालिनी

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 07:21 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 07:21 AM (IST)
वीवीपैट मशीनों पर सीधी रोशनी न पड़ने दें, आ सकती है खराबी : सिटीएम
वीवीपैट मशीनों पर सीधी रोशनी न पड़ने दें, आ सकती है खराबी : सिटीएम

जागरण संवाददाता, हिसार : उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सिटीएम एवं नेशनल मास्टर ट्रेनर शालिनी चेतल ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव-2019 में पहली बार ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। मतदाता द्वारा वोट डालते ही वीवीपैट में उसे सात सैकेंड के लिए एक पर्ची दिखाई देगी, जिससे उसे पता चलेगा कि उसका वोट उसी प्रत्याशी के खाते में गया है जिसे उसने वोट देना चाहा है। सभी कर्मचारी यह ध्यान रखें कि वीवीपैट मशीन को सीधा धूप में न रखा जाए और इस पर किसी प्रकार की कृत्रिम रोशनी भी सीधी न पड़ने पाए। इससे मशीन में खराबी होने की आशंका हो सकती है।

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सीटीएम शालिनी चेतल वीरवार को जिला सभागार में नए मास्टर ट्रेनर तैयार करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने मास्टर ट्रेनर तरुण शर्मा व सुरेश पूनिया के साथ मिलकर 115 नए मास्टर ट्रेनरों को अलग-अलग बैच में ईवीएम व वीवीपैट मशीनों के संचालन का विधिवत् प्रशिक्षण दिया। इस दौरान बहुतकनीकी संस्थानों के लेक्चरर्स व आइटीआइ के इंस्ट्रक्टर्स को 5 बैच में ईवीएम व वीवीपैट मशीनों का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया गया।

सिटीएम शालिनी चेतल ने बताया कि लोकसभा चुनाव को सुचारू तरीके से संपन्न करवाने के लिए अधिक से अधिक कर्मचारियों व अधिकारियों को ईवीएम मशीनों व वीवीपैट के संचालन में दक्ष किया जा रहा है। मतदान के समय यदि किसी भी ईवीएम या वीवीपैट में खराबी आ जाती है तो इसे ठीक करने और ठीक न होने की दशा में मशीन को बदलने के लिए सेक्टर ऑफिसर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रत्येक सेक्टर ऑफिसर्स के साथ एक-एक मास्टर ट्रेनर रहेगा जो मशीन के संचालन की पूरी जानकारी रखता हो।

ईवीएम और इनकी बैटरी की एफएलसी हुई

उन्होंने बताया कि जिले में आई सभी ईवीएम मशीनें और इनकी बैटरी नई हैं और इनकी एफएलसी (फ‌र्स्ट लेवल चेकिग) भी हो चुकी है, इसलिए मशीनों में किसी प्रकार की कोई खराबी आने की आशंका न के बराबर है। इसके बावजूद उन्होंने ईवीएम व वीवीपैट मशीनों में किस प्रकार की एरर आ सकती हैं, इस बारे में नए मास्टर ट्रेनरों को विस्तार से जानकारी दी। कौन से एरर ठीक किए जा सकते हैं और कौन से ठीक नहीं हो सकते, इस संबंध में भी व्यावहारिक प्रशिक्षण उन्हें दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि प्रीजाइडिग ऑफिसर मशीन संचालन के संबंध में कोई बात भूल जाता है तो मास्टर ट्रेनरों को उनकी मदद करनी है।

वीवीपैट में खराबी आने पर उसे बदला जाएगा

चेतल ने बताया कि मोक पोल होने अथवा मतदान शुरू होने के बाद यदि वीवीपैट मशीन में कोई खराबी आ जाती है तो उसे बदला जाएगा लेकिन यदि कंट्रोल यूनिट या बैलेट यूनिट में से कोई एक भी खराब हो जाती है तो फिर तीनों मशीनों के पूरे सेट को बदला जाएगा। उन्होंने नए मास्टर ट्रेनरों को मोक पोल, मशीनों को सील करने, मतदान शुरू करवाने, खराबी आने की दशा में ठीक करने, मतदान संपन्न होने के बाद उसे क्लोज करने सहित ईवीएम व वीवीपैट मशीनों के संचालन के तमाम पहलुओं की विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया।


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