स्पांसरशिप योजना का लाभ लेने के लिए शर्तें ऐसी कि पढ़ने वाले बच्चों को भी लगे मजाक
केंद्र सरकार की स्पांसरशिप योजना में बच्चों को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। लेकिन योजना की शर्ते ऐसी हैं कि उन्हें पूरा करना सभी के लिए संभव ही नहीं है।
चेतन वर्मा, हिसार : सरकार की कुछ नीतियां अदूरदर्शिता के कारण औंधे मुंह पड़ जाती हैं, इसका उदाहरण आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दी जाने वाली केंद्र सरकार की स्पांसरशिप योजना है। इसमें बच्चों को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस योजना का लाभ 18 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा, लेकिन योजना की शर्ते ऐसी हैं कि उन्हें पूरा करना सभी के लिए संभव ही नहीं है। योजना के नियम बनाने वालों ने ऐसा करके बच्चों से मजाक किया है। नेटवर्क ऑफ पॉजिटिव पीपल नामक संगठन से जुड़े सिज्युप थामस ने स्पांसरशिप योजना के नियमों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने बिना-सोचे समझे योजना को उतार दिया है, क्योंकि सरकार की शर्त के अनुसार परिवार की सालाना आय 24 हजार रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए, जबकि 72 हजार से कम का आय प्रमाणपत्र नहीं बनवाया जा सकता।
इस कारण जरूरतमंद लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। थामस ने बताया कि वे हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा के समक्ष भी मामला उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने भी कोई कदम नहीं उठाया है।
स्पांसरशिप योजना की शर्ते
- बच्चे का किसी स्कूल में जाना अनिवार्य है।
- बच्चा किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन से कोई सुविधा या लाभ न लेता हो।
- बच्चे का आधार पंजीकरण होना चाहिए। - बच्चे का अपना बैंक खाता हो और आधार से लिंक हो।
ये बच्चे उठा सकते हैं स्पांसरशिप योजना का लाभ
- बच्चे की मां विधवा या तलाकशुदा हो।
- मां को परिवार ने बेसहारा छोड़ दिया हो।
- जो बच्चे अनाथ हैं और संयुक्त परिवार के साथ रहते हैं।
- दुर्घटनाग्रस्त में माता-पिता दिव्यांग हो गए हों।
- माता-पिता किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हों।
---- स्पांसरशिप योजना केंद्र सरकार की है। वहीं से तमाम शर्ते लागू की गई हैं। आय प्रमाणपत्र की समस्या का सरकार से बातचीत कर निदान किया जाएगा। हालांकि कुछ बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
- ज्योति बैंदा, चेयरपर्सन, हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग