पशुओं में मुंहखुर और गलघोटू की बीमारी, 3.5 लाख पशुओं को टीका लगाना चुनौती, अभियान होगा तेज
प्रदेश में 25 मई से अभियान की शुरूआत हुई थी। मुंहखुर एवं गलघोटू रोग एक खतरनाक बीमारी है। करीब दो साल पहले गांव समैन में यह बीमारी इतनी अधिक आई थी कि करीब 20 से अधिक पशुओं की मौत हो गई थी। वहीं अनेक पशु बीमार हो गए थे।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में मुंहखुर और गलगोटू की बीमारी से बचाने के लिए एक महीने पहले टीकाकरण अभियान शुरू किया था। यह अभियान गति से चल रहा है। लेकिन जिले में अब तक 60 प्रतिशत अभियान भी पूरा हो गया है। 40 प्रतिशत जो रह गया है उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए टीम केा आदेश दे दिया गया है कि जल्द से जल्द टीकाकरण अभियान को पूरा करें।
हर साल मुंहखुर एवं गलघोटू की बीमारी से पशुओं की हो जाती है मौत
प्रदेश में 25 मई से अभियान की शुरूआत हुई थी। मुंहखुर एवं गलघोटू रोग एक खतरनाक बीमारी है। करीब दो साल पहले गांव समैन में यह बीमारी इतनी अधिक आई थी कि करीब 20 से अधिक पशुओं की मौत हो गई थी। वहीं अनेक पशु बीमार हो गए थे। यहीं कारण है कि गांव समैन में पशु पालन विभाग के डाक्टरों को डेरा डालना पड़ा था, लेकिन अब जिले में इस तरह की बीमारी नहीं है। हर साल अब पशुपालन विभाग द्वारा मुंहखुर एवं गलघोटू की वैक्सीन लगाई जा रही है।
53 टीमे लगातार कर रही है काम
फतेहाबाद में 53 पशु चिकित्सकों की टीम लगाई गई है। प्रथम चरण में गांवों को कवर किया जा रहा है। गांवों में पशुओं का टीकाकरण होने के बाद ढाणियों में अभियान चलाया जाएगा। यहीं कारण है कि इन टीमों में गांव के चिकित्सक भी लिए गए है जो टीकाकरण में साथ देंगे। अब बरसात का मौसम भी शुरू हो गया है। ऐसे में गर्मी से कुछ राहत मिली है और टीकाकरण अभियान भी तेज होगा। टीकाकरण होने के बाद ये टीमें उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भी भेज रही है।
इन आंकड़ों पर डाले नजर
पशुओं का होगा टीकाकरण : 352407
जिले में कितने पहुंचे टीके : 352407
कितने पशु चिकित्सकों की बनाई टीम : 53
कब से शुरू हुआ है अभियान : 25 मई
पशुपालन विभाग द्वारा कितनी बार किया जा रहा है टीकाकरण : 31
बीमारी के ये है लक्षण
-बीमारी में पशु का तापमान अचानक 106 से लेकर 107 डिग्री तक बढ़ जाता है।
-पशु के मुंह से लार टपकने लगती हैं।
-पशु दबाव में आ जाता है।
-पशु के गले के नीचे सूजन आ जाती है।
-यह अगले पैरों में सूजन आ जाती है जिससे व चल नहीं सकता।
-पशु को सांस लेने में दिक्कत होती है।
-कई पशुओं में आंखों से पानी गिरना भी शुरू हो जाता है।
टीकाकरण से हो सकता है बचाव
पशुपालन विभाग इस बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चला रहा है। अगर समय पर टीकाकरण करवाया जाए तो बीमारी से बच सकता है। कुछ लोगों की धारणा है कि इस टीकाकरण से गर्भपात हो जाता है या दूध सूख जाता है लेकिन ऐस कुछ नहीं है। बीमारी पशुओं के लिए वातावरण में बदलाव नहीं करना चाहिए। जहां भी पशु बांधे जाएं वह जगह हवादार होनी चाहिए। पशु चिकित्सकों को बुलाकर जांच करवानी चाहिए।
अधिकारी के अनुसार
जिले में पशुओं को मुहंखुर और गलघोटू बीमार से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान लगातार चल रहा है। हमारी टीम गांवों में जाकर काम कर रही है। लोगों से अपील है कि जब भी पशु पालन विभाग की टीम आए तो पशुओं का टीकाकरण अवश्य करवाए। अगर ऐसा करेंगे तो इन बीमारियों से अपने पशुओं को बचा सकते है।
---डा. सुखविंद्र सिंह उपनिदेशक पशुपालन विभाग।