Move to Jagran APP

हिसार में खेदड़ पॉवर प्‍लांट में यूनिट नंबर वन नो डिमांड के कारण बंद, यूनिट टू में तकनीकी खराबी

राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की 600-600 मेगावाट की दोनों यूनिटों के बंद होने के कारण दोनों यूनिटों से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। यूनिट नंबर वन एक माह के लगभग समय से नो डिमांड के चलते बंद है। वही यूनिट नंबर टू में तकनीकी खराबी है

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 10:26 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 10:26 AM (IST)
हिसार में खेदड़ पॉवर प्‍लांट में यूनिट नंबर वन नो डिमांड के कारण बंद, यूनिट टू में तकनीकी खराबी
हिसार के बरवाला तहसील के गांव खेदड़ में स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट

बरवाला, जेएनएन। हिसार में बरवाला के पास स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की 600-600 मेगावाट की दोनों यूनिटों के बंद होने के कारण दोनों यूनिटों से बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। यूनिट नंबर वन एक माह के लगभग समय से नो डिमांड के चलते बंद है। वही यूनिट नंबर टू में पौने दो माह पूर्व टरबाइन में आई तकनीकी खराबी के बाद से यह यूनिट अभी तक चल नहीं पाई है।

loksabha election banner

इसकी टरबाइन की प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के इंजीनियर लगे हुए हैं। स्थानीय इंजीनियरों द्वारा इसका कार्य किया जा रहा है। इसी यूनिट नंबर टू की ओवरहालिंग भी होनी है। वर्तमान में थर्मल पावर प्लांट में 490 कर्मचारी काम कर रहे हैं। थर्मल प्रशासन की माने तो थर्मल में बिजली उत्पादन हो या किसी भी वजह से बंद हो इन कर्मचारियों का काम चलता रहता है।

प्लांट अपने अनावश्यक खर्चों पर कटौती करे तो आएगा रेट डाऊन--   

थर्मल की दोनों यूनिटें बंद होने बारे ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के सर्कल के महासचिव संदीप सहारण ने बताया कि थर्मल पावर प्लांट को अपने अनावश्यक खर्चों पर कटौती करनी होगी। जब तक इन अनावश्यक खर्चों पर अंकुश नहीं लगेगा। जैसे ट्रांसपोर्ट व अन्य कई प्रकार के कार्य पर होने वाले खर्च पर अंकुश लगाना होगा। तभी यूनिट का रेट डाउन आएगा। जब रेट डाउन आएगा तो डिमांड बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि खेदड़ के इस थर्मल पावर प्लांट में कोयले को यहां तक लाने का खर्च ही बहुत ज्यादा है। इसमें बहुत ज्यादा किराया लगता है। इसका भी यूनिट रेट पर असर पड़ता है। जबकि जो थर्मल प्लांट कोयला खदानों के नजदीक है उनका खर्च कम होता है और उनका यूनिट रेट भी कम पड़ता है।

उत्पादन बंद होता है तो कच्चे कर्मचारियों पर पड़ता है असर--

एसोसिएशन के अनुसार जब कभी थर्मल पावर प्लांट में उत्पादन बंद होता है तो इसका असर कच्चे कर्मचारियों पर पड़ता है जो आउटसोर्सिंग पर भर्ती होते हैं। थर्मल पावर प्लांट के बंद होते ही इन कर्मचारियों में कटौती करनी शुरू कर दी जाती है। इस कारण इन कच्चे कर्मचारियों पर इसका असर पड़ता है। जबकि पक्के कर्मचारी जिनकी संख्या पहले से ही कम है उन पर नहीं पड़ता और लंबे समय से अब तो भर्ती भी नहीं हुई है। कई महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं सरकार को नई भर्ती करनी चाहिए।

खेदड़ प्लांट की बिजली का प्रति यूनिट रेट सबसे अधिक---

जिस थर्मल पावर प्लांट का प्रति यूनिट रेट कम होता है वहीं से ही बिजली की खरीद बिजली वितरण निगम द्वारा की जाती है। हर महीने की 8 तारीख को प्रति यूनिट रेट की घोषणा होती है। जिसमें खेदड़ प्लांट की बिजली का प्रति यूनिट रेट सबसे अधिक है। खेदड़ प्लांट की प्रति यूनिट रेट तीन रुपए 52 पैसे, यमुनानगर थर्मल पावर प्लांट की तीन रुपए 36 पैसे, पानीपत थर्मल पावर प्लांट की 3 रुपए 51 पैसे, आंध्र प्रदेश के एक थर्मल पावर प्लांट की प्रति यूनिट रेट तीन रुपए 29 पैसे है।

किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हम लोग बिल्कुल तैयार हैं-- चीफ इंजीनियर

राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ जो हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन है के चीफ  इंजीनियर मोहम्मद इकबाल से जब पूछा गया कि आखिर दोनों यूनिटों को चलाने में कहां पर दिक्कत है तो वह बोले कि किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हम लोग बिल्कुल तैयार हैं। डिमांड आते ही यूनिट नंबर वन को लाइट अप कर उप्पादन शुरू कर दिया जाएगा। जबकि यूनिट नंबर टू का ओवरहालिंग किया जाएगा। इस कार्य में अभी लगभग डेढ़ माह लग सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.