हिसार में रिश्तों की अनोखी मिसाल : सास ने गुर्दा दान कर बेटी के सुहाग को दिया नया जीवन
फतेहाबाद निवासी 49 वर्षीय सुरजीत सिंह के किडनी दान देने के लिए परिवार के पांच लोगों की जांच करवाई गई। किंतु कोई भी उपयुक्त नहीं पाया गया। जब उसकी 66 वर्षीय सास को पता चला तो उसने अपनी बेटी के सुहाग को जीवनदान देने के लिए आगे आई।
हिसार, जेएनएन। खून के रिश्तों में एक दूसरे के लिए त्याग करने के कई किस्से हमारे सामने आते हैं। मगर हिसार में रिश्तों की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। हुआ यूं की जिले में पहली बार गुर्दा प्रत्यारोपण के द्वारा दो लोगों को नई जिंदगी मिली है। आधार अस्पताल के सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा. बीबी बांगा और नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डा. विजय कुमार घोड़ेला ने बताया कि अस्पताल में दो गुर्दा प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं। जिनमें फतेहाबाद निवासी 49 वर्षीय सुरजीत सिंह के किडनी दान देने के लिए परिवार के पांच लोगों की जांच करवाई गई।
किंतु कोई भी उपयुक्त नहीं पाया गया। इसके बारे में जब उसकी 66 वर्षीय सास को पता चला तो उसने अपनी बेटी के सुहाग को जीवनदान देने के लिए आगे आई और अपनी एक किडनी दान देने की पेशकश की। एक माह जांच के बाद उन्हें किडनी दान के लिए उपयुक्त पाए जाने पर गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया। दूसरे मामले में फतेहाबाद निवासी 49 वर्षीया महिला को उसके पति ने अपनी एक किडनी दान की। प्रत्यारोपण चिकित्सा अधीक्षक डा. नीरज नागर ने बताया कि जांच के पश्चात गुर्दा प्रत्यारोपण की अनुमति के लिए फाइल सिविल सर्जन को भेजी गई।
व्यस्तता के बावजूद उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त समेत अन्य सदस्यों की टीम गठित की। जांच के बाद गुर्दा प्रत्यारोपण की अनुमति दे दी। डा. बांगा ने बताया कि आधार अस्पताल की गुर्दा प्रत्यारोपण इकाई नेफ्रोलोजिस्ट डा. विजय कुमार घोड़ेला की अगुवाई में किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. रवि शंकर कासवां व डा. सुरेंद्र सिंह भाकर, सर्जरी के विभागाध्यक्ष डा. बीबी बांगा, सर्जन डा. दीपक मित्तल, निश्चेतन विभाग के डा. रामेश्वर लोढा व डा. मोहर ङ्क्षसह जाखड़, कोऑर्डिनेटर नीरज बेरवाल सहित अन्य कुशल सदस्यों की टीम ने इसे सफलता पूर्वक अंजाम दिया। सास के दामाद के लिए किडनी देने के फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है।