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सिरसा में बारिश के पानी से भूमिगत जल सुधारने के लिए अनोखा प्रयास शुरू, 70 लाख होंगे खर्च

बारिश के पानी को बोरवेल सिस्टम में डाला जाएगा। इसके तहत 31 जगह पर 320 फुट तक बोरवेल किया जाएगा। इसके बाद सरकारी भवनों की छतों को बोर सिस्टम से जोड़ा हुआ है। इससे जब भी बारिश होती है। बारिश का पानी बोरवेल में डालकर रिचार्ज होता रहेगा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 04:54 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 04:54 PM (IST)
सिरसा में बारिश के पानी से भूमिगत जल सुधारने के लिए अनोखा प्रयास शुरू, 70 लाख होंगे खर्च
भूमिगत जल सुधार से कई तरह के फायदे होंगे और पानी की बचत भी होगी

सिरसा [महेंद्र सिंह मेहरा] जब भी बारिश होती है, बारिश का पानी व्यर्थ ही बहता रहता है। दूसरी तरफ भूमिगत जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। जिला प्रशासन ने गिरते भूमिगत जल स्तर सुधारने के लिए कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत बड़े सरकारी भवनों की छतों को बोरवेल सिस्टम से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए लघु सचिवालय की भवनों की छतों को बोरवेल सिस्टम से जोड़ने के लिए कार्य शुरू कर दिया है। जिले में 31 बड़े सरकारी भवनों की छतों को बोरवेल सिस्टम से जोड़ने के लिए करीब 70 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी।

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करीब 320 फुट तक होगा बोर

बारिश के पानी को बोरवेल सिस्टम में डाला जाएगा। इसके तहत 31 जगह पर 320 फुट तक बोरवेल किया जाएगा। इसके बाद सरकारी भवनों की छतों को बोर सिस्टम से जोड़ा हुआ है। इससे जब भी बारिश होती है। बारिश का पानी बोरवेल में डालकर रिचार्ज होता रहेगा। लघु सचिवालय परिसर में चार जगह पर बोरवेल से सरकारी भवनों की छतों को बोरवेल से जोड़ने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।

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विवि के भवनों की छत को जोड़ा हुआ बोर सिस्टम से

विश्वविद्यालय में बने भवनों के पास बोर सिस्टम किया हुआ है। जिसके तहत 350 फीट तक बोर किए हुए हैं। भवनों की छतों को बोर सिस्टम से जोड़ा हुआ है। इससे जब भी बारिश होती है। बारिश का पानी बोरवेल में डालकर रिचार्ज किया जाता है। विश्वविद्यालय के टैगोर भवन, पुस्तकालय, सीवी रमन भवन, आंबेडकर लॉ भवन, छात्रावास व सूचना केंद्र की छतों को बोरवेल सिस्टम से जोड़ा हुआ है। इसी के साथ विश्वविद्यालय के अंदर आवासीय कालोनी व छात्रावास के व्यर्थ पानी को स्प्रिंग सिस्टम से पेड़ पौधों को दिया जाता है। इससे जगह जगह विश्वविद्यालय में पार्क तैयार किए हैं। जो विश्वविद्यालय के सौंदर्य को बढ़ावा दे रहे हैं।

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शहर में भूमिगत पानी की स्थिति

वर्ष कितने मीटर पहुंचा जलस्तर

2004 18.18 मीटर

2005 19.91 मीटर

2006 23   मीटर

2007 25.38 मीटर

2008 26.63 मीटर

2009 29.54 मीटर

2010 29.56 मीटर

2011 36.6 मीटर

2012 37.96 मीटर

2013 37.11 मीटर

2014 38.07 मीटर

2015 37.53 मीटर

2016 44.31 मीटर

2017 44.41 मीटर

2018  46.18 मीटर

2019  46.31 मीटर

2020  48.00 मीटर

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जिले में 31 जगह पर बोरवेल सिस्टम से सरकारी भवनों की छतों को जोड़ा जाएगा। जिसके लिए 70 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। लघु सचिवालय परिसर में चार जगह पर बोर किए जाएंगे। इससे जैसे ही बारिश होगी। बारिश का पानी बोरवेल सिस्टम में चला जाएगा। इससे भूमिगत जल सुधारने में मदद मिलेगी।

रामनिवास, जेई, बीएंडआर विभाग, सिरसा


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