दुष्कर्म मामले का डर दिखाकर ऐंठे थे दस लाख, दो पुलिस अधिकारी सस्पेंड और तीन एफआइआर
खाकी पर दाग - डीएसपी की जांच में एसआइ और एएसआइ आरोप हुए सही साबित - रुपये ऐंठने के
खाकी पर दाग - डीएसपी की जांच में एसआइ और एएसआइ आरोप हुए सही साबित
- रुपये ऐंठने के हाई-प्रोफाइल मामले में जांच पूरी संवाद सहयोगी, हांसी : दुष्कर्म के मामले का डर दिखाकर दस लाख की जबरन वसूली करने के मामले में डीएसपी की जांच में खाकी पर लगे आरोप सही साबित हुए हैं। इस मामले में एसआइ समेत दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसमें तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि जांच में एसएचओ को क्लीनचिट दी गई है। जांच रिपोर्ट पर एसपी विरेंद्र विज ने आरोपित एसआइ जयबीर ¨सह व एएसआइ रणबीर ¨सह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। अगर विभागीय जांच में भी ये पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो सकती है।
पिछले एक सप्ताह से दस लाख की वसूली करने के मामले ने जिला पुलिस में हड़कंप मचा रखा था। रमेश और पूर्व पार्षद कृष्ण कुमार ने आरोप लगाया था कि मार्च में एएसआइ रणबीर उर्फ कमांडो, जसवंत उर्फ धोलिया गुर्जर, देवी दयाल उर्फ पप्पू गुर्जर और हरदीप शर्मा ने रमेश को दुष्कर्म के मामले में फंसाने का डर दिखाकर दस लाख रुपये ऐंठ लिए। एसपी विरेंद्र विज ने डीएसपी प्रमोद कुमार को इसकी जांच सौंपी थी। डीएसपी ने छह दिनों तक इस मामले से जुड़े करीब 15 लोगों से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। डीएसपी ने जांच में दो पुलिस अधिकारियों सहित पांच लोगों को दोषी पाया। एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए। इसके अलावा जसवंत उर्फ धोलिया गुर्जर, देवी दयाल उर्फ पप्पू गुर्जर और हरदीप शर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए। बाक्स:
यूं चला पूरा घटनाक्रम
13 सितंबर - एसपी को दस लाख रुपये वसूली की शिकायत दी
14 सितंबर - एसपी ने जांच डीएसपी प्रमोद कुमार को सौंपी
21 सितंबर - डीएसपी ने जांच रिपोर्ट एसपी को सौंपी
22 सितंबर - दो पुलिस अधिकारी सस्पेंड, तीन के खिलाफ मामला दर्ज
एसएचओ उदयभान गोदारा निकाले पाक साफ
डीएसपी प्रमोद कुमार ने अपनी जांच में इस मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान दर्ज किए। सूत्रों की माने तो डीएसपी के समक्ष अधिकतर लोगों ने एसएचओ पर कोई आरोप नहीं लगाया। सभी लोगों के बयानों के आधार पर एसएचओ उदयभान गोदारा पाक साफ निकाल गए। बेखौफ हो वसूले दस लाख, रोजनामचे में भी दर्ज नहीं की शिकायत
डीएसपी की जांच में पाया गया कि दुष्कर्म की शिकायत को पुलिस अधिकारियों ने रोजनामचे में भी दर्ज नहीं किया था और न ही कोई मामला दर्ज किया था। वहीं, आरोपित एएसआइ रणबीर ¨सह मामले से जुड़े अन्य लोगों के साथ मिलकर बिना किसी डर के दस लाख रुपये की वसूली में लगे थे। विभागीय जांच में फंसे तो होगी सख्त कार्रवाई
एसपी ने एसआइ जयबीर ¨सह व एएसआई रणबीर ¨सह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अगर विभागीय जांच में दोनों पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई कर सकता है। वेतन रोकने से लेकर इंक्रीमेंट रोके जाने तक की कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा इन पुलिस अधिकारियों की सर्विस बुक में भी इस मामले के बारे में रिपोर्ट दर्ज होगी। अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो पदोन्नति सहित अनेक लाभ लेने में दिक्कत हो सकती है। दुष्कर्म के मामले का डर दिखाकर दस लाख की वसूली करने के मामले में डीएसपी ने जांच पूरी कर शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपी थी। इस जांच रिपोर्ट में दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया और तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
विरेंद्र विज, एसपी फोटो कैप्शन: 4. हांसी : एसपी विरेंद्र विज का फोटो।