हिसार के स्याहड़वा गांव में कुएं में दबे खेत मालिक और मजदूर की तलाश जारी, जुटे हैं ग्रामीण और प्रशासन
दो व्यक्ति पानी की मोटर रखने के दौरान करीब 40 फीट गहरे कुंए में दब गए। इस दौरान उनके उपर मिट्टी गिर गई है। सुबह 10 बजे से बचाव कार्य जारी है। एसडीएम अश्वीर नैन और पुलिस भी मौके पर है।
जागरण संवाददाता, हिसार। स्याहड़वा गांव में दो व्यक्ति पानी की मोटर रखने के दौरान करीब 40 फीट गहरे कुंए में दब गए। इस दौरान उनके उपर मिट्टी गिर गई। बचाव कार्य के लिए एसडीएम अश्वीर नैन और पुलिस भी मौके पर हैं। जेसीबी से बचाव कार्य जारी है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार रविवार सुबह 7:00 बजे जयपाल और जगदीश और जयपाल की पत्नी सावित्री खेत में आए हुए थे। शुरू में तीनों ही कुए के अंदर गए हुए थे। उस दौरान कुएं में पानी के घड़ पर बरगे पर मोटर के लगे नट को खोल रहे थे।
उस दौरान काफी देर लगती देख तीनों ने चाय पीने का मन बनाया। सबसे पहले जयपाल की पत्नी सावित्री कुएं से बाहर आ गई थी बाहर आने के 2 मिनट बाद ही मिट्टी के खिसकने की आवाज सुनाई दी। उसी समय जयपाल ने जगदीश उर्फ फौजी को आवाज लगाई की फौजी भाग ले कुआं गिरने वाला है। अचानक फौजी तीन या चार सीढि़या ही चढ़ा था कि कुएं गिर गया। जयपाल की हालत इतनी नहीं थी कि वह बाहर आ सके वह बुरी तरह थक चुका था। मामले में उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी भी पल-पल की रिपोर्ट ले रही हैं।
मगर मिट्टी ज्यादा होने के चलते वक्त ज्यादा लग रहा है, गर्मी भी ज्यादा है ऐसे में काम की रफ्तार भी धीमी है। जयपाल को खेतों में पानी देना था, इसलिए ट्यूबवैल को तैयार किया जा रहा था, मगर यह हादसा हो गया।घटनास्थल पर उनकी पत्नी के सामने ही यह घटना घटी वह भी काफी सदमे में हैं और रो रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने वाह-वाही लूट रहा है, मगर करीब 3:30 बजे प्रशासन की ओर से डीजल लाया गया है। अब तक गांव के लोग खुद अपने स्तर पर ट्रैक्टर और जेसीबी चला रहे थे। अब ग्रामीणों को धक्के मारे जा रहे हैं।
वहीं गांव के सरपंच अश्वनी कुमार और नंबरदार सुरेश कुमार और का प्रशासन की तरफ से कहना है कि सुबह 8:15 बजे सरपंच को गांव के किसी व्यक्ति से दोनों के कुएं में दबाने की सूचना मिली थी। उसी दौरान गांव में मुनादी करवाई गई। डायल 112 को बुलाया गया करीब 9:00 बजे तक तहसीलदार एसडीएम और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच चुकी थी।
प्रशासन ने सबसे पहले एनडीआरएफ को कल की मगर एनडीआरएफ की टीम बठिंडा में मौजूद थी देरी से पहुंची। हिसार आर्मी कैंट में स्थित अधिकारियों से भी संपर्क किया गया क्योंकि वह मौके पर एनडीआरएफ से जल्दी पहुंच सकते थे। ऐसे में सेना ने भी स्वीकृति दे दी। जल्दी सेना की एक टीम हिसार से घटना स्थल के लिए रवाना हो गई। खोदाई जारी है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो किसान पूरी तरह से मिट्टी में दबे हुए हैं।
सेना की टीम ने कुएं से आसपास के एरिया का का सर्वे किया, पाया कि अभी तक गलत तरीके से खोदाई हुई थी। फिर दूसरे तरीके से खोदाई की गई। किसानों की बचाव प्रक्रिया में देर रात या सोमवार का दिन भी लग सकता है ऐसे में सेना के जवानों ने लाइट का प्रबंध भी करवा लिया है।
यह हुई पूरी घटना
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुंए मे मोटर खराब हो गई थी। जिसे सही करने स्वाहड़वा के निवासी 52 वर्षीय जयपाल पुत्र बलवंत हुड्डा और 42 वर्षीय जगदीश पुत्र रिशाल सिंह कुंए में उतरे थे। कुंआ वैसे तो 40 फीट गहरा है मगर जब वह कुंए में उतरे से कुंए की मिट्टी नीचे दरक गई। जिससे वह 10 फीट और नीचे हो गया। ऐसे में कुल 50 फीट गहरे कुंए में दोनों किसान फंस गए।
जयपाल की पत्नी कुंए के बाहर रस्सा पकड़े खड़ी थी तभी अचानक से कुंए की जमीन नीचे खिसक गई। इस मामले की जानकारी मिलते ही एसडीएम हिसार अश्वीर नैन, नायब तहसीलदार ललित जाखड़ सहित पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। दोनों किसानों को बचाने के लिए पिछले चार घंटे से 10 से 12 ट्रेक्टर और तीन जेसीबी की मदद ली जा रही है।