एक जिले में अधिकारियों के दो कानून, कोरोना काल में सेवा करने वाली फतेहाबाद की संस्थाओं के साथ भेदभाव
इस कोरोना काल में रिलांयस पेट्रोलियम द्वारा सभी प्रकार की एंबुलेंस के लिए प्रतिदिन 50 लीटर डीजल देने की स्कीम शुरू की। यह डीजल रिलायंस के पेट्रोल पंप पर निशुल्क दिया जाता। लेकिन फतेहाबाद जिले में एंबुलेंस संचालकों को आरटीओ शालिनी की वजह से डीजल नहीं मिला।
फतेहाबाद, जेएनएन। करीब दो वर्ष पहले सरकारी एंबुलेंस में कार्यरत कर्मचारी ने हड़ताल कर दी। उस दौरान शहर की संस्थाओं की एंबुलेंस ने स्वास्थ्य विभाग को अपनी एंबुलेंस दे दी। ऐसे में हड़ताल की बाद भी मरीजों को परेशानी नहीं आई। इससे निशुल्क एबुलेंस सेवा देने के लिए संस्थाओं को यूनियन का दबाव भी आया। लेकिन वे सेवा करते रहे। अब संक्रमण के दौर में निशुल्क एंबुलेंस सेवा देने रही संस्थाओं को आर्थिक परेशानी आई। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यवस्था होने के बाद भी मिलने वाली मदद में बाधा बन गए।
दरअसल, इस कोरोना काल में रिलांयस पेट्रोलियम द्वारा सभी प्रकार की एंबुलेंस के लिए प्रतिदिन 50 लीटर डीजल देने की स्कीम शुरू की। यह डीजल रिलायंस के पेट्रोल पंप पर निशुल्क दिया जाता। लेकिन फतेहाबाद जिले में एंबुलेंस संचालकों को आरटीओ शालिनी की वजह से डीजल नहीं मिला। वहीं टोहाना में एंबुलेंस संचालकों को प्रतिदिन 50 लीटर डीजल मिला। अब फतेहाबाद की निशुल्क संस्था संचालकों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजी है। उन्होंने संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की।
सामाजिक संस्था बाबा श्याम वेलफेयर सोसायटी के सेवादार विजय भिरड़ाना, रमनदीप बीघड़ ने बताया कि सोसायटी लंबे समय से जरूरतमंद लोगों के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा दी जा रही है। कोरोना की पहली लहर में बेहतर सेवा देने के बाद दूसरी लहर मे संस्था की एंबुलेंस द्वारा कोरोना पीडितों को अस्पताल से घर लाने लेकर जाने में संस्था की एंबुलेंस लगी थी। इस दौरान एंबुलेंस द्वारा आक्सीजन सिलेंडर भी उन लोगों तक पहुंचाए जा रहे थे जिनके पास गाड़ी या पैसा नहीं है। रिलांयस पेट्रोल पंप के संचालक अंकुर ने फोन करके बताया कि उनकी एंबुलेंस को प्रतिदिन 50 लीटर डीजल मिलेगा।
इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी से अनुमोदित पत्र लेकर आना होगा। इसके बाद सोसायटी के पदाधिकारियों ने बताया कि जब वे स्वास्थ्य अधिकारियों से मिले तो उन्होंने मदद नहीं की। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों से अनुमोदित पत्र देने की मांग की, लेकिन उन्होंने नहीं दिया।
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सांसद के फोन के बाद भी सीटीएम ने कई शर्तें लगाकर मना कर दी :
शिकायतकर्ता विजय व रमनदीप बताया कि प्रशासनिक ने सुनवाई नहीं तो उन्होंने सांसद सुनीता दुग्गल से बात की। सांसद ने प्रशासनिक अधिकारिक को फोन किया। इसके बाद निवर्तमान डीसी डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने उन्हें आरटीओ शालिनी चेतल के पास भेजा। लेकिन शालिनी चेतल ने कई शर्तें लगाकर हस्ताक्षर करने से मना कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया।
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मुझे तय करना है, सरकार ने मुझे नोडल अधिकारी बनाया : आरटीओ
मुझे तय करना है किस संस्था को डीजल तेल के लिए पत्र देना है या नहीं। कंपनी को तेल देना था तो दे देती। मेरे हस्ताक्षर से तेल मिलना था। ऐसे में शर्तें मेरी होगी। सरकार ने मुझे इसका नोडल अधिकारी बनाया है। रही बात शिकायत की। जब मेरे पास शिकायत आएगी तो मुझे जवाब देना होगा। तभी जवाब दूंगी।
- शालिनी चेतल, नोडल अधिकारी व आरटीओ, फतेहाबाद।
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मैंने तो सभी संस्थाओं को किया फोन : अंकुर
कंपनी की स्कीम थी। ऐसे में मैंने सभी संस्थाओं व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन किया। लेकिन फतेहाबाद में किसी भी संस्था ने तेल नहीं भरवाया। तेल भरवाने के लिए उन्हें स्वास्थ्य अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी के एक पत्र पर हस्ताक्षर चाहिए थे। इसके बाद प्रतिदिन उन्हें 50 लीटर डीजल कंपनी देती।
- अंकुर, संचालक, रियालंस, पेट्रोल पंप, फतेहाबाद
टोहाना में संस्थाओं को दिया गया तेल : अजय
टोहाना में स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुमोदन पर सरकारी व संस्थाओं की एंबुलेंस को कंपनी की स्कीम के तहत 50 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से डीजल दिया गया। स्कीम अभी तक जारी है। अनुमोदन लेकर आ रही सभी प्रकार की एबुलेंस को डीजल निशुल्क दिया जा रहा है।
- अजय गोयल, संचालक, रिलायंस पेट्रोल पंप, टोहाना।