जुड़वा बच्चों का होना था जन्म, गर्भवती को ले जा रही एंबुलेंस पलटी, महिला समेत तीन की मौत
दो बच्चों के जन्म होने की तैयारी में एक तरफ जहां परिवार में खुशी का माहौल था वहीं दूसरी ओर एक साथ इतनी मौतें होने से मातम छा गया है। पति दीपक की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं।
हिसार, जेएनएन। जिन्हें कुछ घंटे बाद दुनिया में आना था और एक नई जिंदगी की शुरुआत करनी थी। उन दो नवजातों की जिंदगी इससे पहले की खत्म हो गई। गर्भवती मां की जिंदगी भी न बच सकी और एंबुलेंस में सवार गर्भवती की मां और चालक की भी मौत हो गई। पति और एक अन्य युवक का इलाज चल रहा है।
हादसा चौपटा चौक पर उस वक्त हुआ जब बरवाला के अस्पताल से बुधवार की देर रात गर्भवती युवती को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया और तेज रफ्तार में जा रही एंबुलेंस पलट गई। एंबुलेंस ने पलटने के बाद कई पलटे खाए और इसमें सवार बरवाला निवासी गर्भवती रामरति (21) उनकी मां माया देवी(48) पति दिपक, अटेंडेंट सतपाल सिंह और डाटा गावं निवासी चालक चैन सिंह (38) में से केवल दीपक और सतपाल ही बच सके।
तीन भाईयों की इकलौती बहन थी रामरति
दो बच्चों के जन्म होने की तैयारी में एक तरफ जहां परिवार में खुशी का माहौल था वहीं दूसरी ओर एक साथ इतनी मौतें होने से परिवार में मातम छा गया है। एक साल पहले बरवाला की रामरति की शादी सरसौद के दीपक के साथ हुई थी। तीन बहनों की इकलौती बहन रामरति पहली बार मां बनने जा रही थी और इसे लेकर सब खुश थे। मगर होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था।
बार-बार कहा धीरे चलाओ, मगर नहीं माना
घायल दीपक ने बताया कि वो बार बार चालक से कह रहा था कि गाड़ी धीरे चलाओ, मगर वह नहीं माना और हादसा हो गया। दीपक ने कहा चालक खुद भी दुनिया से चला गया और मेरी भी दुनिया उजड़ गई। हादसे के बाद मैं बेहोश हो गया था, कब कैसे क्या हुआ कुछ समझ भी नहीं आया। दीपक ने कहा पत्नी और सास के अलावा मेरे दो बच्चे दुनिया में आने से पहले ही भगवान को प्यारे हो गए। इतना कहते ही दीपक फफक पड़ा और आंखों से आंसुओं का सैलाब निकल पड़ा।
शगुन देने की चल रही थी तैयारी
रामरति की मां माया देवी ने छुछक यानि लड़का होने पर दिया जाने वाले शगुन की भी तैयारी शुरू कर दी थी। रामरति का भाई भी अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में पहले से ही भर्ती था। छोटा भाई संदीप बहन की डिलीवरी पर घर जाने की बात कह रहा था। संदीप को बताया गया कि एंबुलेंस पलट गई है मगर जब उसने मौके पर पहुंच शवों को देखा तो बदहवास होकर गिरने लगा।
रिकार्ड में दर्ज होगी तीन तो हुई पांच मौतें
चश्मदीदों के अनुसार एंबुलेंस तो तेज रफ्तार में थी ही, मगर चौपटा यानि चौक पर रिफ्लेक्टर नहीं लगे होने के कारण भी हादसा हुआ। वजह जो भी रही हो मगर तीन लोग दुनिया से चले गए, रिकार्ड में तीन की मौत दर्ज होगी मगर गर्भवती के पेट में पल रहे दो बच्चों समेत तो पांच लोगों की मौत हो गई। एक साथ इतना बड़ा हादसा होने से सरसौद गावं में मातम पसरा हुआ है।