बस की छत पर सफर करना पड़ा भारी, तार में उलझ नीचे गिरा, मौत
बसों की छतों पर सफर करना गैर कानूनी लेकिन भीड़ के कारण बस में करना पड़ता है सफर।
जेएनएन, हिसार : शहर के गोविंद नगर निवासी एक व्यक्ति को बस की छत पर सफर करने पर जान गंवानी पड़ी। पुलिस ने शुक्रवार को सिविल अस्पताल में मृतक का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। हेड कांस्टेबल रविंद्र ने बताया कि गोविंद नगर निवासी 40 वर्षीय बिंद्रा मजदूर था। गुरुवार सुबह वह निजी बस की छत पर सवार होकर हिसार से तोशाम जा रहा था। बस में भीड़ होने के कारण वह कई छात्रों के साथ बस की छत पर बैठ गया। इसी दौरान डाबड़ा चौक के नजदीक तोशाम रोड पर एक निजी अस्पताल के सामने एक तार में उलझने के कारण वह बस से नीचे गिर गया। बस से नीचे गिरने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां शुक्रवार सुबह उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
रोजाना बसों की छतों पर सफर करते है सैकड़ों विद्यार्थी
शहर व पूरे जिले में युवाओं व अन्य लोगों को प्रतिदिन बसों की छतों पर सफर करते हुए देखा जा सकता है। इनमें अधिकतर स्कूल, कॉलेजों के विद्यार्थी शामिल होते हैं। शहर के फव्वारा चौक, डाबड़ा चौक, जिंदल चौक, नागौरी गेट पर प्रतिदिन देखने में आता है कि निजी व सरकारी बस चालक बस नहीं रोकते और विभिन्न चौराहों पर खड़े युवा दौड़कर बस में व बसों की छतों पर सवार होते हैं। इस दौरान कई लोग चोटिल भी हुए हैं और कई लोगों ने अपनी जान भी गवांई है। बरवाला चुंगी पर महिला कालेज के सामने बसें न रोकने पर कॉलेज व पॉलिटेक्निक के छात्र बसों को रुकवाने के लिए धरना-प्रदर्शन भी कर चुके है। लेकिन इसके बावजूद कई कालेजों व स्कूलों के बाहर व चौराहे पर स्कूल, कालेज के छात्रों के लिए बसें नहीं रोकी जाती।
घायल होने के यह मामले सामने आ चुके हैं
- शहर के फव्वारा चौक पर करीब दो महीने पहले एक युवक हांसी की ओर से आ रही बस में सवार होने के लिए अन्य छात्रों के साथ दौड़ा, लेकिन जैसे ही उसने बस के दरवाजे पर पांव रखा तो वह फिसल गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
- करीब 15 दिन पहले जिंदल चौक पर एक युवक भीड़ से भरी बस में सवार होने के लिए दौड़ा, लेकिन ठीक से बस के दरवाजे पर पांव नहीं रख पाया और उसकी गिरने से मौत हो गई।
बसों की छतों पर सफर करना गैर कानूनी है। बकायदा बसों पर लिखा जाता है कि बस में सफर करना गैर कानूनी है। लेकिन इसके बावजूद बसों में भीड़ के कारण लोगों को मजबूरी में बस में सफर करना पड़ता है। वहीं रोडवेज कंडक्टर यदि सवारियों को नीचे उतरने के लिए कहते हैं तो झगड़े की नौबत आ जाती है।
-खूबीराम कौशल, पूर्व जीएम, रोडवेज हिसार।