फटे या उतारे गए झंडे के सम्मान के लिए बहादुरगढ़ के उद्यमियों ने शुरू की नई पहल, बनाया कलेक्शन सेंटर
लाखों की संख्या में तिरंगे घरों व संस्थानों में फहराए गए। बड़ा सवाल यह आन खड़ा हो गया है कि अगर कोई तिरंगे को अपने घर या संस्थान से उतारना चाहता हैं या फिर झंडा फट गया है तो उसका क्या करें। लोगों को तिरंगे को फेंकना नहीं है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूरे लाखों की संख्या में तिरंगे घरों व संस्थानों में फहराए गए। अब आमजन के सामने बड़ा सवाल यह आन खड़ा हो गया है कि अगर कोई तिरंगे को अपने घर या संस्थान से उतारना चाहता हैं या फिर झंडा फट गया है तो उसका क्या करें। ऐसे में लोगों को तिरंगे को फेंकना नहीं है। इसके लिए उद्यमियों की संस्था कानफेडरेशन आफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज(कोबी) ने तिरंगे के सम्मान में कलेक्शन सेंटर बनाया है। जो तिरंगे ठीक हैं उन्हें ससम्मान रखा जाएगा और जो क्षतिग्रसत हो चुके हैं, उनका संस्थान की ओर से गाइडलाइन के अनुसार ससम्मान डिस्पोज किया जाएगा। अब तक संस्था के पास 45 तिरंगे जमा हो चुके हैं, जिन्हें ससम्मान रखवाया जा रहा है।
अगर तिरंगा क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसे फेंके नहीं, कोबी के पास जमा करवाएं
तिरंगे को इस्तेमाल के बाद सड़कों पर कटे फटे हालात में नहीं फेंकना चाहिए। यह सिर्फ तिरंगे का आपमान ही नहीं बल्कि एक अपराध है। ध्वज को क्षतिग्रस्त या कटी-फटी स्थिति में पाया जाता है तो भारतीय ध्वज संहिता 2002 के मुताबिक उसको दो तरह से डिस्पोज करने के नियम तय हैं।
भारतीय ध्वज संहिता 2002 की धारा चार के अंतर्गत तिरंगे को कटी-फटी हालत या क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे पूरे सम्मान के साथ एकांत में जलाया जाना चाहिए। या फिर राष्ट्रीय ध्वज के गौरव के अनुरूप किसी दूसरे तरीके को अपनाना चाहिए। तिरंगे को जलाने के लिए भी खास नियम हैं। तिरंगा को सही से तह करने के बाद आग पर रख कर जलाया जाता है और पूरी तरह जलाया जाता है। याद रहे कि बगैर मोड़े सीधा जला देना कानूनी अपराध है। इसके अलावा अगर कोई इस नियम को अपनाकर तिरंगे को डिस्पोज नहीं करना चाहता है तो वह कोबी संस्था के पास जमा करवा सकता है।
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हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूरे जिले में लाखों की संख्या में राष्ट्रीय ध्वज वितरित किए गए थे। लोगों ने अपने घर व संस्थान में इन्हें फहराया गया था। अब अगर कोई तिरंगे को उतारना चाहता है या फिर बारिश व आंधी में यह फट गया है तो उसे फैंके नहीं। हमने कोबी के कार्यालय में एक कलेक्शन सेंटर बनाया है। लोग वहां आकर तिरंगे को जमा करवा सकते हैं। हम ससम्मान तिरंगे को रखेंगे। जो तिरंगा खराब हो गया है उसे राष्ट्रीय ध्वज की गाइडलाइन के अनुसार डिस्पोज करेंगे।
----प्रवीण गर्ग, प्रधान, कोबी