ग्वार की पैदावार बढ़ाने को कृषि विभाग ने दिए टिप्स
जागरण संवाददाता, हिसार : ग्वार शुष्क क्षेत्रों के लिए वर्षा पर आधारित कम लागत में उगाई जान
जागरण संवाददाता, हिसार : ग्वार शुष्क क्षेत्रों के लिए वर्षा पर आधारित कम लागत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण खरीफ की फसल है। पहले यह फसल पशुचारे, सब्जी, हरी खाद व दाने के लिए उगाई जाती रही है, लेकिन अब यह एक औद्योगिक फसल के रूप में जानी जाती है। ग्वार की बीज में 30 से 32 फीसद गोंद होता है। ग्वार का व्यावसायिक उपयोग होने से कुछ सालों में इसकी महत्ता बढ़ गई है। गोंद में ज्यादातर उपयोग ऑयल ड्रि¨लग, विस्फोटक दवाई, खनन, कपड़ा, कागज उद्योग, खाद व सौन्दर्य उत्पाद में किया जाता है। यह बात एचएयू से सेवानिवृत ग्वार वैज्ञानिक डा. बीडी यादव ने कहीं। वे कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्वार की पैदावार बढ़ाने के लिए लगाए जा रहे जागरूकता शिविर के दौरान गांव दुबेटा में किसानों से रूबरू हो रहे थे। शिविर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कार्यालय से कृषि उपनिदेशक डा. आरएस ढुकिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
शिविर की अध्यक्षता करते हुए डा. यादव ने कहा कि किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच बिजाई से पूर्व अवश्य करवाएं। इस अवसर पर गांव पूर्व सरपंच रामपाल, कुलदीप, प्रदीप ¨सह, ईश्वर ¨सह, राम निवास, कमल ¨सह, राजबीर, अशोक, बलवान आदि मौजूद थे।