सब्जियों के बेहतर उत्पादन व गृह वाटिका तैयार करने के दिए टिप्स
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणार्थियों को सब्जी के बेहतर उत्पादन के साथ-साथ गृह वाटिका तैयार करने के टिप्स बताए। इसके अलावा सब्जी उत्पादन में नर्सरी को तैयार करने के महत्व के साथ-साथ गृह वाटिका को तैयार करने की विधि की भी जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय सब्जी उत्पादन एवं गृह वाटिका के लिए नर्सरी तैयार करना विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का संपन्न हुआ। संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डा. अशोक गोदारा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इस प्रशिक्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।
प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणार्थियों को सब्जी के बेहतर उत्पादन के साथ-साथ गृह वाटिका तैयार करने के टिप्स बताए। इसके अलावा सब्जी उत्पादन में नर्सरी को तैयार करने के महत्व के साथ-साथ गृह वाटिका को तैयार करने की विधि की भी जानकारी दी। संस्थान की सहायक निदेशक (मृदा विज्ञान) डा. ऊषा वशिष्ठ ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि नर्सरी तैयार करने से पहले जमीन का चुनाव बहुत ही जरूरी है। इसके बाद उस मिट्टी की जांच व उसमें मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी हासिल करें। इसके बाद ही नर्सरी को तैयार करें।
नवीनतम तकनीकों की दी जानकारी
सब्जी विज्ञान विभाग के सहायक वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण के संयोजक डा. देवेंद्र कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को नर्सरी तैयार करने की विभिन्न आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी। डा. एसके तेहलान ने किसानों को सर्दियों के मौसम की सब्जियों जैसे प्याज, लहसुन, पालक, मेथी, फूलगोभी और गोभी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया। डा. राकेश चुघ ने सब्जियों को बीमारी से बचाने के लिए सुझाव दिए।
डा. भूपेंद्र सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों को सब्जियों के लिए लाभकारी व हानिकारक कीड़ों के बीच अंतर बताया। उन्होंने बेहतर सब्जी उत्पादन के लिए गुणवत्तापूर्ण नर्सरी तैयार करने की विधि से प्रशिक्षणार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से अवगत कराया। डा. निर्मल कुमार ने विभिन्न सब्जियों के विपणन की रणनीतियों से अवगत कराया और बताया कि किसान समूह बनाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
30 प्रशिक्षणार्थियों ने लिया प्रशिक्षण
इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डा. दविद्र सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को नर्सरी तैयार करने के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाते हुए प्रशिक्षण संबंधी उनके अनुभवों को लेकर विचार-विमर्श किया।