टेक्निकल एजुकेशन विभाग के तीन अधिकारियों पर जुर्माना
हिसार के एक विश्वविद्यालय के एक विभाग के महिला प्रोफेसर ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी। आरोप है कि संबंधित विवि के कुलपति ने उनकी बात सुनने की बजाय उल्टा उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।
जागरण संवाददाता, हिसार : राज्य सूचना आयोग की तरफ से टेक्निकल एजुकेशन विभाग के तीन अधिकारियों पर 75 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जगाधरी निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट एस. गर्ग ने इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।
इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि हिसार के एक विश्वविद्यालय के एक विभाग के महिला प्रोफेसर ने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हासिल की थी। आरोप है कि संबंधित विवि के कुलपति ने उनकी बात सुनने की बजाय उल्टा उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। जिसके बाद मामला टेक्निकल एजुकेशन विभाग तक पहुंचा।
डा. एस गर्ग ने बताया कि उन्होंने जब इस मामले में टेक्निकल एजुकेशन विभाग से मामले में की गई कार्रवाई के बारे में सूचना के अधिकार में सूचना मांगी तो संबंधित अधिकारी ने आनाकानी की। साथ ही इसी विभाग के ही एक अन्य अधिकारी ने भी मिलीभगत करके सूचना नहीं दी। वह जब भी सूचना मांगता तो अधिकारी कोई न कोई बहाना बनाकर टाल देते। इसके बाद मामला राज्य सूचना आयोग के पास पहुंचा। जहां मामले से बचने के लिए संबंधित दोनों अधिकारी पेश नहीं हुए। इस पर राज्य सूचना आयोग ने इन अधिकारियों को नोटिस जारी कर सूचना न देने बारे जवाब मांगा।
इसके बाद टेक्निकल एजुकेशन विभाग के तीन अधिकारियों की ओर से राज्य सूचना आयोग से माफी भी मांगी गई। मामले में सूचना आयुक्त भूपिदर कुमार ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं ज्वाइंट डायरेक्टर पीके मल्होत्रा और ज्वाइंट डायरेक्टर राजेंद्र पर कुल 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही एडिशनल चीफ सेक्रेटरी तकनीकि विभाग को भी मामले की जानकारी भेजी।