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कमाल कर दिया, भिवानी की सात ढाणियां, जिनको कोरोना आज तक भेद न पाया

भिवानी गांव कलाली और सात ढाणियों के लोगों ने कमाल कर दिया। दो साल में यहां कोरोना ने कदम नहीं रखे। लोगों ने कोविड गाइडलाइन का पालन किया। भीड़ नहीं जुटने दी। ढाणियों में घर दूर होने के साथ घर में रहने के कारण भी लोग बचे रहे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 01:14 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 01:14 PM (IST)
कमाल कर दिया, भिवानी की सात ढाणियां, जिनको कोरोना आज तक भेद न पाया
गांव-ढाणी में स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग भी की। अब वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है।

अमित धवन, भिवानी। कोरोना ने दूसरी लहर में हर गली मुहल्ले में लोगों को चपेट में लिया। लेकिन हरियाणा के लोगों ने अपनी जागरूकता से कोरोना को हराया। भिवानी की सात ढाणियों ने भी देश के लोगों के लिए मिसाल पेश की है। यहां की सात ढाणियों में मार्च 2020 से ही कोरोना का एक भी केस नहीं आया है। लोगों ने खुद के साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखा।

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भिवानी जिले का लोहारू विधानसभा क्षेत्र। यहां झुम्पा के पास है कलाली गांव। यहां कोरोना घुस ही नहीं पाया। पास में ही सात ढाणियां हैं, जिनमें मार्च 2020 से एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। इन सभी गांवों और ढाणियों के लोगों ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया और भीड़ नहीं जुटने दी। गांव-ढाणी में स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग भी की। अब वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग प्रशासन भी यह मान चुका है कि कहां भी कोई केस नहीं आया। आंकड़ों तो देखें तो जिले में बाकी सभी गांव या मुहल्लों में कोई न कोई केस जरूर मिला है।

खुद के साथ दूसरों को भी बचाया

कोरोना संक्रमण मार्च 2020 में फैलना शुरू हुआ था। इसके चलते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा। उसके बाद सरकार ने लाकडाउन लगा दिया था। हालात ऐसे रहे कि पिछले साल काफी केस आए। लेकिन इस साल अप्रैल में दूसरी लहर शुरू हुई। इसमें तेजी से लोगों की मौत भी हुई और हजारों केस मिले। लोहारू और झुम्पा के पास मौजूद कलाली गांव में लोगों ने अपने आप को बचाने के साथ दूसरे को भी बचाया। आज इसका परिणाम है कि कोई कोरोना का मरीज आज तक नहीं मिला।

लोहारू की ढाणी

लोहारू विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर ढाणी लक्ष्मण, बड़दू जोगी, बारीवास, जुगराम बास, लाडावास, ढाणी खेड़ा, सुगीकाबास ढाणी हैं। इनमें 50 से 60 घर हैं। खेतों में इनके घर से एक दूसरे से दूर है तो कुछ के साथ बने हुए है। लेकिन कोरोना के समय यह एक दूसरे से दूर रहे। यदि गांव या अन्य जगह पर कोई सामान लेकर आता था तो उसको पूरी तरह सैनिटाइज के बाद आने दिया जाता था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ढाणी में सैंपलिंग भी गई। लोहारू सीएचसी के इंचार्ज डाक्टर गौरव की तरफ से वहां के लोगों से संपर्क में रहा गया। गनीमत रही कि कोरोना की पहली और दूसरी किसी भी लहर में कोई केस यहां पर नहीं मिला। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनी लिस्ट में इनका नाम शामिल किया गया।

1800 आबादी के गांव में नहीं मिला केस

झुम्पा के पास पीएचसी मिरान में गांव कलाली। आबादी 1800 हैं। इस गांव में दूसरी वेव में कोई भी केस नहीं आया। कारण था गांव के लोगों ने चौपाल के साथ गांव में एक साथ बैठना बंद कर दिया। कोरोना से बचने के लिए हर रोज गांव में मुनादी करवाई गई ताकि सभी बचे रहे। ग्रामीण अपने खेत पर काम करने जाते और घर पर रहे। गांव में किसी प्रकार से बंदिश नहीं लगाई गई लेकिन लोग खुद ही शारीरिक दूरी के नियम की पालना करते हुए एक दूसरे से नहीं मिले।

पंचायत ने जिम्मेदारी संभाली, अब वैक्सीनेशन करवा रहे

कलाली गांव के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि राजकुमार ने बताया कि कोरोना के समय में गांव वालों ने एक दूसरे से दूर रहने का निर्णय लिया। भीड़ नहीं की। काम करते और घर रहते। पंचायत ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सैनिटाइज किया। स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग भी की। अब वैक्सीनेशन भी करवा रहे हैं।

लोग भी इन ढाणियों के लोगों से लें सीखः सिविल सर्जन 

भिवानी के सिविल सर्जन डा. सपना गहलावत ने बताया कि जिले में सात ढाणियों और गांवों में कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। यह अच्छी बात है कि लोगों ने नियमों का पालन किया। शारीरिक दूरी बनाई। मास्क लगाए। सभी को चाहिए कि आने वाले समय में इस बीमारी से लड़ने के लिए सीखें और नियमों का पालन करें।

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