12वीं कक्षा तक की पुस्तकों को सांकेतिक भाषा में परिवर्तित करने का कार्य शुरू
उपायुक्त ने डिजिटल सांकेतिक भाषा प्रयोगशाला का किया निरीक्षण
- उपायुक्त ने डिजिटल सांकेतिक भाषा प्रयोगशाला का किया निरीक्षण
फोटो- 21 व 22
जागरण संवाददाता, हिसार: श्रवण एवं वाणी दिव्यांगजन कल्याण केंद्र में अब 12वीं कक्षा तक छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। केंद्र को नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के संचालन के लिए मान्यता मिल गई है। इससे पूर्व इस केंद्र में दिव्यांग बच्चों को 8वीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाती थी। शुक्रवार को श्रवण एवं वाणी दिव्यांगजन कल्याण केंद्र में भारतीय सांकेतिक भाषा कार्यशाला का शुभारंभ अवसर पर उपायुक्त डा प्रियंका सोनी ने यह जानकारी दी। केंद्र में डिजिटल सांकेतिक भाषा प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया। केंद्र में कार्यरत शिक्षक प्रयोगशाला में एनसीईआरटी की पहली से 12वीं कक्षा तक की पुस्तकों को सांकेतिक भाषा में परिवर्तित करने का कार्य करेंगे। सांकेतिक भाषा में परिवर्तित की गई पुस्तकों को पूरे विश्व में देखा जा सकेगा। उपायुक्त ने केंद्र में बिजली, पेयजल, शौचालय तथा अन्य सुविधाओं के बारे में सहायक निदेशक सुबोध कुमार दुबे जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
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अब विद्यार्थियों को दूरदराज पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा
उपायुक्त ने कहा कि अब हिसार व इसके आस-पास के जिलों के दिव्यांग बच्चों को 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर-दराज नहीं जाना पड़ेगा। इन कक्षाओं के बच्चों को केंद्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें अपने दैनिक जीवन में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। केंद्र में दिव्यांग बच्चों को डीएड का प्रशिक्षण देने संबंधी मांग पर उपायुक्त ने कहा कि इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। इस मौके पर उपायुक्त ने केंद्र के बच्चों के साथ सांकेतिक भाषा में संवाद किया और उनसे विभिन्न जानकारियां ली।
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अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण
इस अवसर पर श्रवण एवं वाणी दिव्यांगजन कल्याण केंद्र के सहायक निदेशक सुबोध कुमार दुबे ने बताया कि सभी विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक-एक सप्ताह तक आयोजित की जाने वाली कार्यशाला में शुक्रवार से शिक्षा विभाग के पीटीआई शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर अध्यापक अंकित बटवेरा, विशाल सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।