दो मासूम बेटियों की हत्यारोपित महिला के गले से दो माह बाद भी नहीं निकल रही आवाज
संवाद सहयोगीबरवाला खेदड़ गांव में सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले एक राजस्थानी
संवाद सहयोगी,बरवाला :खेदड़ गांव में सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले एक राजस्थानी बंजारा भाट परिवार की एक महिला जिस पर पर अपनी दो मासूम बेटियों की चाकू से वार करके हत्या करने और उसके बाद अपनी ही गर्दन पर भी चाकू से कई वार करने का आरोप है। चारिया हिसार के राजकीय अस्पताल में उपचाराधीन है। इस घटना के बाद उसकी आवाज भी चली गई थी। चारिया अभी तक भी मेडिकल फिट नहीं है। पुलिस चारिया के मेडिकल फिट होने और उसका बयान लेने की इंतजार में है। ताकि इस कांड में वास्तविक स्थिति का पता चल सके कि उसने अगर ऐसा किया तो क्यों किया। या फिर इस वारदात के पीछे किसी अन्य व्यक्ति का हाथ तो नहीं।
मंगलवार को बरवाला के डीएसपी रोहतास सिहाग हिसार के सिविल अस्पताल में जानकारी लेने पहुंचे तो वहां जाने पर पता चला कि चारिया अभी बोलने की स्थिति में नहीं है। वह मेडिकल फिट नहीं है। ऑपरेशन के बाद उसे अभी भी पट्टी लगा रखी है और ना ही वह सुन पा रही है। उसकी आवाज उसके गले से बाहर ही नहीं निकल पा रही। केवल उसकी सांस की आवाज ही आती है। इस मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर अशोक जाखड़ भी हिसार के सिविल अस्पताल में गए तो उन्हें डॉक्टरों की ओर से यह जानकारी दी गई कि अभी वह मेडिकल फिट नहीं है।
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ये है मामला
गौरतलब है कि 24 मई को खेदड़ गांव में एक झुग्गी में इस वारदात को अंजाम दिया गया था। इस वारदात बारे बरवाला पुलिस ने महिला चारिया पर उसके पति अहमद के बयान पर दो बेटियों की हत्या और आत्महत्या के प्रयास का केस दर्ज करके जांच आरंभ कर दी थी। महिला पर आरोप था कि उसने अपनी दो बेटियों तीन वर्षीय ममता और एक वर्षीय किरण की चाकू से वार करके हत्या कर दी और फिर अपनी ही जान लेने का प्रयास किया।
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जल्द मिलेगी छुट्टी
वहीं सिविल अस्पताल के डाक्टर विमल जैन ने बताया कि महिला स्वस्थ है। वह बातचीत कर सकती है। उसकी बात समझ आ रही है। जल्द ही उसकी छुट्टी कर दी जाएगी।