Move to Jagran APP

बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वर्कशॉप में बताई बारीकियां

आइपी की जानकारी के साथ-साथ उसकी डिजाइनिग भी बहुत महत्वपूर्ण है जैसे कि आकार विन्यास पैटर्न आभूषण या लाइनों या रंगों की रचना किसी भी लेख पर लागू होती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 06:22 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 06:22 AM (IST)
बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वर्कशॉप में बताई बारीकियां
बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वर्कशॉप में बताई बारीकियां

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित एबिक सेंटर में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें आइपीआर- योजनाओं, एमएसएमई, स्टार्टअप्स, पेटेंट-फाइलिग, डिजाइन सोच और आईपीआर एंटरप्रेन्योरशिप और प्रवर्तन का पंजीकरण का प्रासंगिकता प्रपत्र और पंजीकरण के बारे में जानकारी दी गई।

loksabha election banner

वर्कशॉप के मुख्य वक्ता एमएसएमई के सहायक निदेशक सतीश कुमार ने प्रासंगिकता और आइपीआर का पंजीकरण, पंजीकरण, प्रोत्साहन और स्टार्टअप्स के लिए योजनाएं / एमएसएमई और आत्मनिर्भर भारत पैकेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ आधार कार्ड ही काफी है। उन्होंने एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर आप एमएसएमई में रजिस्टर्ड हैं तो सरकार की स्टार्टअप स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने आइपी फैसिलिटेशन सेंटर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सेंटर स्टार्टअप के सपोर्ट और समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत है।

दूसरे वक्ता सीआईआइ के निदेशक एवं हेड सुभजीत साहा ने पेटेंट फाइलिग, डिजाइन सोच और आइपीआर का पंजीकरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आइपी की जानकारी के साथ-साथ उसकी डिजाइनिग भी बहुत महत्वपूर्ण है, जैसे कि आकार, विन्यास, पैटर्न, आभूषण या लाइनों या रंगों की रचना किसी भी लेख पर लागू होती है। चाहे वह दो आयामी या तीन आयामी या दोनों रूपों में हो।

सीईओ डा. श्वेता सिंह ने आइपीआर उद्यमिता और प्रवर्तन के बारे में बताते हुए एक अच्छा स्टार्टअप शुरू करने के बारे में जानकारी दी। एबिक सेंटर की नोडल अधिकारी डा. सीमा रानी ने आइपीआर की महत्वता बताते हुए कहा कि आज के समय में अपने आइडियाज, थॉट्स को संरक्षण करने का महत्वपूर्ण जरिया है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि अगर कोई भी एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ना चाहता है तो वह एबिक की वेबसाइट से फार्म डाउनलोड कर उसे ई-मेल आईडी एबिकसीसीएसएचएयूएटजीमेलडॉटकॉम के माध्यम से भेज सकता है। वेबिनार का संचालन टेक्निकल मैनेजर अर्पित तनेजा व फाइनेंस मैनेजर मनीषा मणि ने किया। वर्कशॉप के दौरान एबिक की पूरी टीम मौजूद रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.