फर्जी फर्म बनाकर बोगस बिल का खेल, सेंट्रल GST की जांच में सामने आई करोड़ाें की हेराफेरी
अनाज मंडी के पूर्व प्रधान के बेटे ने नौ फर्जी फर्म बनाकर 130 करोड़ रुपये के बोगस बिल काट दिए। सेंट्रल जीएसटी को जांच में 11.87 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी मिली।
हिसार, जेएनएन। सेंट्रल जीएसटी (सेवा एवं वस्तु कर) ने हिसार की अनाज मंडी में फर्जी फर्म बनाकर 130 करोड़ रुपये के बोगस बिलों का खेल पकड़ा है। खास बात है कि यह आरोप दि ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन अनाज मंडी के पूर्व प्रधान संत कुमार के बेटे सौभाग्य पर लगा है। अधिकारियों की मानें तो अक्टूबर 2019 में अनाज मंडी से नौ फर्जी फर्मों के माध्यम से सौभाग्य ने कॉटन, चीनी, लोहे का स्क्रैप, बादाम, सरसों आदि वस्तुओं व खाद्य पदार्थों का व्यापार किया।
यह व्यापार राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली तक किया गया। इन फर्मों में अनाज मंडी की कई फर्मों के साथ भी व्यापार किया, जिनसे टैक्स की रिकवरी भी सेंट्रल जीएसटी ने शुरू कर दी है। इनका पूरा काम फर्जी बिलिंग पर आधारित था ताकि टैक्स की चोरी की जा सके। छह महीनों में ही इन फर्मों ने 130 से 140 करोड़ रुपये के बिल काट दिए। जिसमें अभी तक अधिकारियों को 11.87 करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी मिल चुकी है। इस कार्रवाई के बाद से ही संचालक का परिवार कहीं गायब है, जिन्हें खोजने के लिए सेंट्रल जीएसटी की टीम लगातार रेड कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल जीएसटी के पास एक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम है। जिसके तहत करोड़ों रुपये के बिल काटने वाली फर्में और जीएसटी भरने में लापरवाह रवैया अपनाने वाली फर्मों को सर्विलांस पर रखा जाता है। इसी प्रक्रिया के तहत अधिकारियों को पता चला कि अनाज मंडी में द्वारका दास महाबीर प्रसाद नाम से फर्म संचालित है जो लगातार फर्जी बिलिंग कर रही है। जांच में पाया कि अपने कर्मचारियों व नौकरों की आइडी को लेकर नौ और फर्जी फर्में बनाई गई हैं। इनसे भी बोगस बिल काटने का काम चल रहा है। ऐसे में अधिकारियों ने फर्म ऑफिस व अन्य स्थानों से सभी दस्तावेज बरामद कर लिए।
फर्म से मिली साइन हुई 25 चेकबुक
सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने जांच की तो उन्हें कई अहम दस्तावेजों के साथ अलग-अलग बैंकों की 25 चेक बुक मिलीं। इसको लेकर नोटिस भी दिए गए। अधिकारी बताते हैं कि 22 फरवरी से वह लगातार फर्म पर जा रहे हैं, मगर इस फर्मों को चलाने वाले संचालक परिवार सहित गायब हैं। इन्होंने 10 से 12 बैंकों में खाते भी खुलवा रखे हैं। जो चेक बुक मिली, उसमें कर्मचारियों के हस्ताक्षर पहले ही करा लिए थे। इसमें पांच फर्म हिसार से तो चार फर्म हनुमानगढ़ के भादरा से संचालित की जा रही थीं।
यह मिली फर्जी फर्म
- द्वारका दास महाबीर प्रसाद कंपनी
- डीएम इंडस्ट्रीज
- डीएम एग्रो
- डीएम सन्स
- बालाजी ट्रेडर्स
- चौधरी ट्रेडर्स
- डीएम एंटरप्राइजेज
यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। इसके लिए हमने जांच कर फर्म के दस्तावेज व चेकबुक आदि जब्त कर लिए हैं। इन फर्जी फर्मों ने करोड़ों रुपये के बोगस बिल काटे हैं। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
सचिन अहलावत, असिस्टेंट कमिश्नर, सेंट्रल जीएसटी।