सीए के आदेश भी हुए हवा, नहीं हुई सरसों की खरीद, किसानों ने तीन घंटे लगाया जाम
हिसार सरसों खरीद नहीं होने पर दो माह से परेशान जिले के कसानों का
जागरण संवाददाता, हिसार : सरसों खरीद नहीं होने पर दो माह से परेशान जिले के कसानों का गुस्सा फुट पड़ा। किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए सिरसा दिल्ली रोड पर जमा लगा दिया। नई अनाजमंडी पुलिस चौकी के सामने जाम लगने की सूचना मिलने शहर थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया पर वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद मार्केट कमेटी चेयरमैन और अन्य अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। किसानों ने सरसों की खरीद नहीं होने पर अधिकारियों को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि आप लोग दो महीने से पोर्टल के नाम पर चक्कर कटवा रहे हो। जितना सरसों बेचने से मुनाफा नहीं होना था उसे ज्यादा किराया हम भुगत चुके हैं। दो घंटे के प्रदर्शन करने के बाद नायब तहसीलदार विनय चौधरी ने किसानों को मनाया। उनके चार बजे तक खरीद शुरू करवाने का आश्वासन देने पर किसान माने और जाम खत्म किया। देर शाम तक पोर्टल अपडेट नहीं हुआ और किसानों को मायूस ही वापस घर लौटना पड़ा।
यह है किसानों की मुख्य समस्या
. अप्रैल माह में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों का पोर्टल पर शो नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन।
. बोली के दिन चुकने के बाद दो माह से नहीं बेच पा किसान सरसों।
. मार्च में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों को 25 क्विंटल सरसों बेचने के लिए काटने पड़ रहे चक्कर।
. दोबारा सरसों बेचने के लिए आने वाले किसानों को पोर्टल नहीं दे रहा अनुमति।
. पोर्टल पर किसानों का डाटा अपडेट नहीं हो पा रहा।
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यह कहना है किसानों का
विभिन्न गांवों से आए किसानों ने कहा कि मार्च और अप्रैल दो माह से सरसों बेचने को चक्कर काट रहे है। जब सरकार की गांवों के अनुसार सरकारी खरीद शुरू हुई। तब सरसों गीली थी। यहां तक सरसों की फसल खेतों में खड़ी थी। ऐसे में किसान समय पर मंडी में सरसों लेकर नहीं आ सके। तब से लेकर आज तक मंडी के चक्कर लगा रहे हैं पर कोई समाधान नहीं हुआ। कभी कहते है पोर्टल अपडेट नहीं हुआ। कभी कहते है कि निर्धारित दिन आना। निर्धारित दिन आते है तो आवेदन फार्मो में कमी निकालकर चक्कर कटवाते है। सरकार के ऑनलाइन सिस्टम से हमें परेशान हो चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री के तीन दिन खरीद की घोषणा करने के बावजूद हैफेड के अधिकारी आदेश नहीं मिलने की बात कह सरसों नहीं खरीद रहे है। यह किसानों के साथ अन्याय नहीं है तो क्या हैं।
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चार बजे बाद भी नहीं हुआ समाधान
रोड जाम कर बैठे विभिन्न गांवों के किसानों को नायब तहसीलदार विनय चौधरी, मार्केट कमेटी के चेयरमैन महाबीर जांगडा, मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह ने चार बजे सभी की सरसों खरीद शुरू करने का आश्वासन दिया। जैसा उन्हें चंडीगढ़ में पोर्टल अपडेट करने वाले अधिकारियों ने कहा था। आलम यह रहा है कि चार जरूर बज गए। मगर, पोर्टल पर अपडेशन का काम पूरा नहीं हुआ और अप्रैल माह में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की सरसों नहीं खरीदी गई। दूसरी बार अपने हिस्से की सरसों बेचने के लिए आए किसानों को भी पार्टल के कारण मायूसी का सामना करना पड़ा। अब पोर्टल कब तक अपडेट होगा। यह अधिकारियों तक को नहीं पता है।
नहीं हुई खरीद तो जिले भर को किसान सभा करेंगी बंद
किसान सभा के प्रांतीय सचिव प्रीत सिंह, जिला सचिव सूबेसिंह बूरा और ओमप्रकाश ने कहा कि 7 मई से सरकार ने किसानों की फसल को खरीदना बंद कर दिया है। प्रशासन किसानों को बार-बार आश्वासन दे रहा है। चार दिन से सरकार ने खरीद नहीं की, जिससे किसानों में रोष है। सरकार का मैसेज मिलने के बाद भी खरीद नहीं होना सरकार के अधिकारियों की नाकामी साबित करता है। नायब तहसीलदार विनय चौधरी और मार्केट कमेटी चेयरमैन महाबीर जांगडा के शाम चार बजे का आश्वासन दिया था। खरीद शुरू नहीं हुई। किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने प्रषासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसानों की फसल खरीद शुरु नहीं की तो किसान सभा पूरे जिले को बंद करने पर मजबूर होगी।
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चंडीगढ़ के स्तर पर पोर्टल में दिक्कत है। पोर्टल को समय रहते अपडेट नहीं किया गया। इस कारण किसानों की सरसों खरीद में दिक्कत आ रही है। मार्च माह में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों की सरसों खरीदी गई है। लेकिन अप्रैल माह में रजिस्ट्रेशन करवाने वालों और दोबारा सरसों बेचने के लिए आने वाले किसानों का सॉफ्टवेयर नहीं उठा रहा है। इस कारण खरीद नहीं हो पा रही है। हमें उम्मीद है कि शनिवार सुबह तक पोर्टल की समस्या का समाधान हो जाएगा।
महाबीर जांगडा, चेयरमैन, मार्केट कमेटी।
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