संचालक रात को कमरे में बुलाता था छात्रा, नहीं जाने पर प्रिंसिपल धमकाती थी
हांसी क्षेत्र के गांव में पिछले 20 सालों से चल रहे गुरुकुल में कलियुगी गुरु द्वारा अपनी ही शिष्याओं के साथ छेड़छाड़ के मामले ने गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया है।
जेएनएन, हांसी : गुरु-शिष्य के रिश्ते की पवित्रता की मिसाल को भारतीय संस्कृति ने ही पूरे विश्व में स्थापित किया है। हांसी क्षेत्र के गांव में पिछले 20 सालों से चल रहे गुरुकुल में कलियुगी गुरु द्वारा अपनी ही शिष्याओं के साथ छेड़छाड़ के मामले ने गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया है। गुरुकुल में तालीम हासिल कर रही करीब 15 नाबालिग छात्राओं ने अपने ही गुरु पर गंभीर आरोप लगाए हैं। गुरुकुल में पढ़ने वाले 12 शिष्याओं का आरोप है कि संचालक कृष्णानंद पिछले लंबे समय से उनसे छेड़छाड़ करता आ रहा था, वह अकसर रात के समय छात्राओं को बुलाता था। जब वह विरोध करतीं तो ¨प्रसिपल सुनीता शर्मा उन्हें धमकाती थी। शोषण से तंग आकर एक शिष्या ने अपनी मां के आगे पूरी व्यथा बयान कर दी, जिसके बाद परिवार गुरुकुल पहुंच गया। इसके बाद तो एक के बाद एक 12 शिष्याओं ने कृष्णानंद की करतूत बताई।
बता दें कि गुरुकुल की नींव रखे जाने के दिन से ही ये गुरुकुल विवादों में रहा है। ¨प्रसिपल सुनीता शर्मा व संचालक कृष्णानंद ने सन 1999 में मिलकर करीब तीन एकड़ जमीन पर गुरुकुल की शुरुआत की थी। इसके बाद पंचायत ने 2003 में कन्या गुरुकुल को गांव की पंचायत की 8 एकड़ जमीन देने की बात कही। जिस पर ग्रामीण दो-फाड़ हो गए। इसके बाद तो गुरुकुल व विवादों का चोली-दामन का साथ हो गया और आए दिन ग्रामीण और गुरुकुल प्रशासन आमने-सामने होने लगे। आखिर 2012 में ग्राम पंचायत ने पंचायती जमीन पर कालेज बनाने की अनुमति दे दी। जिसके बाद गुरुकुल के गेट की जमीन को लेकर मामला कोर्ट में चला गया। कालेज के गेट को लेकर 2015 में भी ग्रामीणों व संचालिका के बीच कई दिनों तक विवाद चला। 2017 में कोर्ट ने गुरुकुल का कब्जा हटाने के आदेश जारी कर दिए, जिसके बाद संचालिका ने गुरुकुल में पढ़ने वाली शिष्याओं को साथ लेकर कई दिनों तक हिसार डीसी आफिस के आगे प्रदर्शन किया था। शिष्याओं ने इस विवाद में शामिल कई लोगों पर संगीन आरोप भी लगाए थे। वर्तमान में भी गुरुकुल के कालेज के गेट को लेकर विवाद जारी है।
आरोप लगते ही गुरुकुल हुआ खाली
- पीड़ित छात्राओं के परिजन सुबह ही सदर थाने पहुंच गए थे। सदर पुलिस ने शाम को गुरुकुल से संचालक कृष्णानंद को गिरफ्तार कर लिया और पीड़ित छात्राओं को सदर थाने ले आई। मामले की सूचना मिलते ही गुरुकुल में पढ़ने वाली छात्राओं के परिजन भी अपनी बच्चियों को गुरुकुल से घर ले गए। गुरुकुल में 75 छात्राएं हॉस्टल में रहती थीं व मंगलवार शाम तक मात्र 12 छात्राएं ही गुरुकुल में थीं। गुरुकुल में पूरे प्रदेश के अलग-अलग इलाकों की करीब 350 छात्राएं शिक्षा हासिल कर रही हैं। मंगलवार देर शाम को गुरुकुल के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। संचालिका जबरदस्ती भेजती थी कृष्णानंद के कमरे में
छात्राओं ने आरोप लगाया है कि संचालिका भी इस मामले में दोषी है। उन्होंने पुलिस में दिए बयानों में कहा कि संचालिका सुनीता उन्हें जबरदस्ती रात के समय कृष्णानंद के कमरे में जाने के लिए दबाव बनाती थी व जो लड़की इसके खिलाफ आवाज उठाती तो उसे सुबह होमवर्क के नाम पर क्लास में परेशान किया जाता था। छात्राओं का आरोप है कि संचालिका उनके साथ मारपीट भी करती थी।
संचालिका फरार, संचालक को किया गिरफ्तार
गुरुकुल के संचालक कृष्णानंद को गिरफ्तार कर लिया गया है व संचालिका सुनीता शर्मा फरार है। सुनीता शर्मा के फोन की लोकेशन का पता पुलिस लगाने का प्रयास कर रही है। करीब 12 छात्राओं ने बयान दर्ज करवाए हैं कि उनके साथ संचालक लंबे समय से छेड़छाड़ करता आ रहा था। इस मामले संचालिका पर भी आरोप हैं कि वह भी शिष्याओं को जबरदस्ती भेजती थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। कुछ और शिष्याओं के बयान देने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।
- नरेंद्र कादयान, डीएसपी।