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सावधान! स्मार्टफोन आपकी जासूसी कर रहा है

स्मार्टफोन जैसे इंटरनेट आधारित उपकरणों का उपयोग बड़ी सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं का विशाल निजी डाटा इकट्ठा कर लिया है

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 01:08 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 01:08 PM (IST)
सावधान! स्मार्टफोन आपकी जासूसी कर रहा है
सावधान! स्मार्टफोन आपकी जासूसी कर रहा है

जेएनएन, हिसार : सर्वोदय भवन की रविवार को हुई गोष्ठि में मीडिया के नए संदर्भ विषय पर बोलते हुए दूरदर्शन के पूर्व समाचार निदेशक अजीत सिंह ने कहा स्मार्टफोन जैसे इंटरनेट आधारित उपकरणों का उपयोग बड़ी सावधानी से किया जाना चाहिए क्योंकि गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों ने सभी उपभोक्ताओं का विशाल निजी डाटा इकट्ठा कर लिया है जिसे वे कमर्शियल कंपनियों को ही नहीं , चुनाव विश्लेषण में लगी कंपनियों को भी बेच रही हैं और साधन संपन्न राजनैतिक दल इसके सहारे मतदाताओं की ब्रेन वाश कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि पिछले करीब 25 साल में कंप्यूटर, इंटरनेट, स्मार्टफोन के आने से एक नया मीडिया वजूद में आ गया है जिसे सोशल मीडिया कहा जाता है।

भारत में सोशल मीडिया इन दिनों इस बात को लेकर चर्चा में है कि इसके जरिए नफरत और हिंसा उकसाई जा रही है। कुछ व्यक्तियों पर अचानक भीड़ हमला कर देती है। कभी गौ रक्षा के नाम पर तो कभी बच्चा चोरी कि अफवाह पर। अक्सर निर्दोष लोगों को बच्चा चोर समझ कर मार दिया जाता है। सोशल मीडिया के जरिए भीड़ तुरंत इकट्ठा कर ली जाती है।

अखबारों में कभी पैड न्यूज का मामला चला था जिसमें पैसे देकर खबर छपवाई जाती थी। अब सोशल मीडिया पर फेक न्यूज यानि झूठी खबरें फैलाई जा रही है।

अब तो अदालतों ने भी साफ कर दिया है कि आपत्तिजनक संदेश लिखने वाले, फॉरवर्ड करने वाले और ग्रुप के एडमिन के खिलाफ सजा हो सकती है। सजा के कई मामले अभी सुनाए गए हैं।

एक खतरा स्मार्टफोन पर आने वाले संदेशों से है और उससे भी बड़ा खतरा स्मार्टफोन के रखने मात्र से है क्योंकि हर स्मार्टफोन आपकी मुखबरी कर रहा है। आजकल अपराधियों को मुखबिर नहीं पकड़वाते, मोबाइल फोन पकड़वाते हैं। और स्मार्टफोन तो शरीफों को भी नहीं बख्शते। आपके विचारों , पसंद नापसंद, राजनैतिक सोच तक का पता लगाकर जानकारी किसी राजनीतिक दल या फिर मार्केटिंग कंपनी को बेची जा रही है।

अजीत सिंह ने कहा कि इसे समझने के लिए हमें बिग डेटा एनालिटिक्स को समझना होगा। यह एक नया विज्ञान है।

गूगल और फेसबुक जैसी विशाल इंटरनेट कंपनियों ने वॉट्सएप जैसे कितने ही रोचक एप्प चालू कर दिए हैं जिन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है और दुनिया में हर स्मार्टफोन धारी नागरिक अब संवाददाता बन गया है। वो शब्दों, चित्रों और वीडियो के जरिए जो संदेश चाहे किसी अन्य व्यक्ति या समूह को भेज सकता है अक्सर अपनी पहचान छुपाकर भी।

एक गंभीर पहलू जिसका आम लोगों को पता नहीं है वो ये है कि गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों के पास स्मार्टफोन रखने वाले हर व्यक्ति के बारे में इतनी निजी जानकारी मौजूद है कि बिग डाटा अनलाइटिक्स के जरिए उसकी पसंद, नापसंद और राजनैतिक सोच का पूरा खाका खींचा जा सकता है। यही नहीं उसकी पूरी सोच को प्रभावित कर इच्छानुसार परिणाम लिए जा सकते हैं।

भविष्य में रोबोट टेक्नोलॉजी और मीडिया क्या रूप ले सकते हैं , इस पर अजीत सिंह ने एक रोचक उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि इटली की मशहूर एक्ट्रेस सोफिया लॉरेन की तरह आजकल दुनिया में एक और सोफिया बड़ी चर्चित हो रही है। नाम है सोफिया रोबोट। एक सुंदर कोमल शर्मीली सी लड़की दिखने वाली ये वास्तव में एक कंप्यूटर मशीन है जो आपके सवालों के जवाब हल्की सी मुस्कुराहट के साथ देती है। सोफिया जब आपके सवालों के जवाब देती है तो उसके चेहरे पर हाव भाव भी ठीक एक सुंदर महिला जैसे आते हैं।

यही नहीं, सोफिया के जवाब बेहतर से बेहतरीन होते जा रहे हैं क्योंकि कृत्रिम बुद्धि के सहारे ये लगातार नई बातें सीख रही है। इसे मशीन लरनिंग कहते हैं । इसका एक नमूना तो आप स्वयं अपने ही स्मार्टफोन में देख सकते हैं। मैं जब फोन में अपने नाम का पहला हिस्सा अजीत लिखता हूं तो फोन अपने आप ही नाम का दूसरा हिस्सा सिंह पेश कर देता है। मशीन ने अनुभव से ये सीख लिया है।

असल में मानव भी बचपन से लेकर जीवन भर मेल-मिलाप और बातचीत से ही ज्ञानवर्धन करता है। इसी सिद्धात को पकड़ते हुए वैज्ञानिक एक ऐसा रोबोट बनाने में लगे हैं जो मानव से कहीं ज्यादा ज्ञानी और बुद्धिमान होगा।

जब मानव अपने से भी कहीं अधिक समर्थ रोबोट बना लेगा तो फिर मानव का क्या होगा, इसकी झलक भी सामने आने लगी है।

स्थिति का इससे भी खतरनाक पहलू ये है कि स्मार्टफोन पर वॉट्सएप व अन्य प्रोग्रामों के जरिए व्यक्ति के विवेक और तर्क शक्ति को समाप्त किया जा रहा है और मानव को आज्ञाकारी रोबोट बनाया जा रहा है।

यानि रोबोट बनेंगे मानव जैसे और मानव को बना दिया जाएगा आज्ञाकारी रोबोट।

स्मार्टफोन को एक नया नाम चपोटफोन देते हुए अजीत सिंह का कहना था कि हमें सावधान इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए। सोशल मीडिया के हर संदेश पर शक कीजिए। फॉरवर्ड करने से बचिए। अपने घर परिवार या मित्र मंडली में किसी को इंटरनेट या स्मार्टफोन के साथ ज्यादा ही चिपका हुआ देखें , तो उसे समझा कर दूर करने की कोशिश करें। डॉ महेंद्र सिंह , डॉ इंद्रजीत , डी पी ढुल व अन्य वक्ताओं ने विषय संबंधी कुछ सवाल उठाए और अपने विचार भी रखे।


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