जेब में वाहनों के डाक्यूमेंट रखने का झंझट खत्म, मोबाइल एप में रखे दस्तावेज होंगे मान्य
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में
मनप्रीत सिंह, हांसी : ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में अगर आप अपने वाहन के दस्तावेज घर पर भूल गए हैं व ट्रैफिक पुलिस आपको रुकवा ले तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। फट से मोबाइल के प्ले स्टोर में जाएं और डिजी लॉकर या एम-परिवहन एप इंस्टाल करके आधार नंबर दर्ज कर दें। इसके बाद एप में आए सभी दस्तावेज पुलिस अधिकारी को दिखा दें। दरअसल, पुलिस विभाग ने दोनों सरकारी मोबाइल एप के दस्तावेजों को मान्यता दी है। एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है व नोटिफिकेशन भी अपलोड कर दिया गया है।
यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने के नए नियम लागू हो चुके हैं व ट्रैफिक पुलिस धड़ाधड़ चालान काट रही है। मोटर व्हीकल एक्ट में सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं व करीब 25 नए प्रावधान जोड़े गए हैं। सबसे खास बात ये है कि अब अगर कोई पुलिस कर्मचारी यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे आम आदमी से दो गुना जुर्माना अदा करना होगा। इसके अलावा कंपनी द्वारा वाहन निर्माण में खामी पाई जाती है तो उस पर 1 लाख का जुर्माना व मालिक को 1 साल की सजा हो सकती है।
वहीं, डीएल बनवाने के लिए 8वीं पास होने की बाध्यता खत्म कर दी है। वहीं, डिजीलॉकर व एम-परिवहन मोबाइल एप में डीएल, प्रदूषण पर्ची, बीमा, आरसी आदि को सहेजा जा सकता है जो वाहनों की चेकिग कर रहे पुलिस कर्मचारी के समक्ष दिखाने पर मान्य होंगे। ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी ना माने तो एसपी को करें शिकायत
सरकार ने दो एप बनाए हैं जिनमें कोई भी व्यक्ति अपने आधार कार्ड नंबर से सरकारी दस्तावेजों को अपलोड कर सकता है। डीएल, आरसी व वाहन के अन्य दस्तावेज मान्य हैं व पुलिस कर्मचारी को ये मान्य दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करने होंगे। इस संबंध में एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क ने भी जानकारी दी है। अगर कोई पुलिस कर्मचारी ई-दस्तावेज स्वीकार नहीं करता तो इसकी शिकायत एसपी को करें।
- मनोज मल्होत्रा, पीआरओ, हरियाणा पुलिस। स्कूल बसों में लगानी होगी सीट बेल्ट
नए मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार 14 साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर वाहनों में विशेष सीट बेल्ट लगानी होगी। वाहनों में बच्चों की सुरक्षा हेतु विशेष प्रबंध करने होंगे। इसके अलावा 4 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य है अन्यथा अभिभावक पर 1 हजार जुर्माना लग सकता है। ये नियम स्कूल संचालकों के लिए परेशानी बन सकते हैं। वर्तमान में स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।