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युवाओं पर टिका है देश का भविष्य : प्रो. समर सिंह

उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से आशा की कि वे हमेशा किसानों के कल्याण के लिए कार्य करें। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। ऐसे में कृषि स्नातकों स्नातकोत्तरों व सभी कृषि वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि किसानों की सहायतार्थ जो हो सके करें। किसान यदि विश्वविद्यालय के किसी भी कर्मचारी से जानकारी मांगे तो वह उसका सही मार्गदर्शन करें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:37 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:37 AM (IST)
युवाओं पर टिका है देश का भविष्य : प्रो. समर सिंह
युवाओं पर टिका है देश का भविष्य : प्रो. समर सिंह

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने विश्व युवा दिवस पर युवाओं को आह्वान किया कि वह देश का भविष्य हैं, ऐसे में उन्हें इसकी उन्नति व विकास में अपना भरपूर योगदान देना चाहिए।

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उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों से आशा की कि वे हमेशा किसानों के कल्याण के लिए कार्य करें। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। ऐसे में कृषि स्नातकों, स्नातकोत्तरों व सभी कृषि वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि किसानों की सहायतार्थ जो हो सके, करें। किसान यदि विश्वविद्यालय के किसी भी कर्मचारी से जानकारी मांगे तो वह उसका सही मार्गदर्शन करें। विश्वविद्यालय से किसान हमेशा यह कहता निकले कि अगली बार फिर आऊंगा। इसी कड़ी को ध्यान में रखते हुए छात्र कल्याण निदेशालय द्वारा विश्व युवा दिवस पर एक कविता लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जा रहा है, जिसका परिणाम वीरवार को घोषित किया जाएगा।

देश में कृषि मेघ होगा किसानों के लिए लाभकारी

कुलपति प्रो. समर सिंह ने बताया कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत विकसित कृषि मेघ सेवा व अन्य तीन सेवाओं का 11 अगस्त को शुभारंभ किया गया। कृषि मेघ आइसीएआर द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि कृषि मेघ एक डिजिटल प्लेटफार्म है जिस पर कृषि संबंधी डाटा उपलब्ध हो सकेगा। इससे नई शिक्षा नीति के साथ-साथ कृषि शिक्षा और शोध कार्यो को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उच्च कृषि शैक्षिक संस्थानों की प्रत्यायन प्रणाली पोर्टल व कृषि विश्वविद्यालय छात्र एलुमिनाई नेटवर्क (केवीसी एलुनेट) इत्यादि के माध्यम से पूरे कृषि जगत को एक जगह लाया जा सकेगा। इसके माध्यम से कृषि छात्र आपस में बात कर सकेंगे और कृषि संस्थानों को ऑनलाइन मान्यता प्राप्त हो सकेगी।


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