मां के जयकारों से गूंजे मंदिर, देर शाम तक चलती रही पूजा-अर्चना
नवरात्र के तीसरे दिन भी देवी भवन मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही।
जागरण संवाददाता, हिसार
नवरात्र के तीसरे दिन भी देवी भवन मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से मां के दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद लिया। अलुसबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने मंदिर में नारियल और मां की चुन्नी चढ़ाई।
वहीं मंगलवार को चंद्रघंटा देवी की पूजा-अर्चना की गई। यहां नवरात्र में आसपास ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से श्रद्धालु आकर मां की अखंड ज्योत जलाते हैं। नवरात्र में नौ दिन तक यहां पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहती है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु विधि-विधान से मां की अरदास लगाता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
इसके अलावा शहर के अन्य मंदिरों में भी पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। दुर्गा मां की अराधना लोग विभिन्न तरीकों से कर रहे हैं। पूजा का भी सभी लोगों ने अपने तरीके से विधान बना रखा है। वहीं आचार्य देवऋषि शास्त्री ने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं। अगर कोई आर्थिक रूप से सबल नहीं है तो वो पर्याप्त संसाधनों के साथ ही माता की पूजा कर सकता है।
बुधवार को कुष्टमांडा देवी की पूजा
मां दुर्गा के चौथे स्वरूप का नाम कुष्टमांडा है। अपनी मंद, हल्की हंसी द्वारा ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कुष्टमांडा देवी के नाम से जाना जाता है। नवरात्र पूजन के चौथे दिन कुष्टमांडा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन अनाहत चक्र में अवस्थित होता है। हमे पवित्र मन से पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए। मां की उपासना मनुष्य को भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है।