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पेयजल लाइन बिछाने में देरी पर कंपनी को क्लोज टू नोटिस, भुगतना पड़ सकता है साढ़े 3 करोड़ का जुर्माना

पेयजल लाइन बिछाने में देरी पर कंपनी को क्लोज टू नोटिस। 31 दिसंबर तक नहीं बिछी लाइन तो भुगतना पड़ सकता है 3.5 करोड़ का जुर्माना।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 02:15 PM (IST)
पेयजल लाइन बिछाने में देरी पर कंपनी को क्लोज टू नोटिस, भुगतना पड़ सकता है साढ़े 3 करोड़ का जुर्माना
पेयजल लाइन बिछाने में देरी पर कंपनी को क्लोज टू नोटिस, भुगतना पड़ सकता है साढ़े 3 करोड़ का जुर्माना

जेएनएन, हिसार : अमृत योजना के तहत शहर में पेयजल लाइन बिछाने का कार्य करने वाली कंपनी को साढ़े तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ा सकता है। नगर निगम ने कंपनी को 31 दिसंबर तक 25 किलोमीटर की पेयजल लाइन बिछाने की डेडलाइन देने के अलावा कंपनी को क्लोज टू का नोटिस थमा दिया गया है। इस नोटिस के तहत कंपनी निर्धारित समय में काम पूरा नहीं करती है तो उसे करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ा सकता है। इस मामले में फिलहाल कंपनी काम में तेजी लाने और अपने बचाव के प्रयास में जुटी हुई है।

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ये है मामला

शहर में पेयजल लाइन बिछाने को लेकर अमृत योजना के तहत 136 किलोमीटर पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। इसमें अधिकांश वार्ड-11 व पुराने शहर का क्षेत्र शामिल है। यह कार्य एक निजी कंपनी कर रही है। जिसका टेंडर 35.71 करोड़ रुपये का है। कंपनी को यह काम फरवरी 2020 तक पूरा करना है। स्टाफ की मानें तो पाइपलाइन बिछाने के बाद पानी सप्लाई बेहतर हो इसके लिए कंपनी को करीब तीन माह का अतिरिक्त समय मिला हुआ है। जबकि कंपनी की कार्यप्रणाली इतनी सुस्त व धीमी है कि कंपनी अभी तक करीब 36 फीसद ही काम पूरा कर पाई है। ऐसे में पूर्व में कंपनी को निगम प्रशासन नोटिस थमा चुना है। नोटिस के बाद कंपनी ने कार्य में तेजी का आश्वासन दिया तो निदेशालय की ओर से उसे 31 दिसंबर तक 25 किलोमीटर लाइन बिछाने की डेडलाइन दी गई है। कंपनी ने इसके लिए पाइप तो मंगवा लिये है लेकिन कार्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में कंपनी प्रतिनिधियों ने विधायक से भी मुलाकात कर समय सीमा बढ़वाने की मांग की है। फिलहाल लगातार कार्य में सुस्त व धीमी गति से कार्य होने के चलते नगर निगम की ओर से कंपनी को अब क्लोज टू में फाइनल नोटिस भेजा गया है। निगम प्रशासन के अनुसार इस नोटिस के तहत यदि कंपनी तय समय अवधि में अपना कार्य नहीं करती है तो उसे टेंडर की टोटल राशी का दस फीसद जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे में कंपनी को दस फीसद जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

क्या है अमृत योजना

अटल मिशन फॉर रेजुवेनशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन योजना  (अमृत योजना) है। इस योजना का मकसद शहरी लोगों को स्वच्छ पेयजल, सीवरेज और ड्रेनेज की व्यवस्था में सुधार करना है। ताकि लोगों को ये बेहतर मूलभूत सुविधाएं मिल सके। इसका शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 को किया था। इसी योजना के तहत पहली कड़ी में हिसार में सीवरेज व पेयजल लाइन बिछाई जा रही है।

हजारों की संख्या में लोग परेशान

अमृत योजना के तहत सीवरेज व पेयजल बिछाने का दो अलग अलग कंपनियों काम कर रही है। इन कंपनियों ने लाइनें बिछाने के लिए कई जगह लंबे समय से गड्ढे खोदकर छोड़ रखे है। कंपनी के कुछ स्टाफ की सुस्त कार्यप्रणाली व उदासीनता का खामियाजा हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ये गड्ढे उनके लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। सबसे ज्यादा समस्या वार्ड-11 में है। जहां कई जगह गड्ढे तो खोद दिए लेकिन उसमें पानी भर गया है कंपनी ने अभी तक काम पूरा कर भरे नहीं है। जिसके कारण परेशान हैं ।

कंपनी को 25 किलोमीटर लाइन बिछाने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन दी है। कार्य की गति धीमी होने के चलते कंपनी को क्लोज टू का नोटिस दिया गया है। जिसमें टोटल टेंडर राशि का दस फीसद जुर्माने का प्रावधान है।

- रामजीलाल, एसई, नगर निगम हिसार।


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