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निगम और जनता के सहयोग से शहर होगा स्वच्छ

जागरण संवाददाता हिसार शहर के स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम प्रभावित कदम उठाए। साथ ही ज

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 07:37 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 07:37 AM (IST)
निगम और जनता के सहयोग से शहर होगा स्वच्छ
निगम और जनता के सहयोग से शहर होगा स्वच्छ

जागरण संवाददाता, हिसार : शहर के स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम प्रभावित कदम उठाए। साथ ही जनता अपने कचरे का सेग्रीगेशन करे। जनता और निगम के बीच आपसी तालमेल से ही शहर को स्वच्छ बनाया जा सकता है। यह विचार शहरवासियों ने ठोस कचरा प्रबंधन विषय पर आयोजित वेबीनार में रखे। उन्होंने ठोस कचरा प्रबंधन विषय पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग ने की। कमिश्नर ने कहा कि शहर में गीले तथा सूखे कचरे को सौ फीसद अलग-अलग एकत्रित किए जाने के प्रबंध किए जा रहे हैं। शहर में गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने के लिए कई जगह पर मशीनें लगाई गई हैं। भविष्य में ओर भी मशीनें लगाई जाएंगी। शहर में ठोस कचरा प्रबंधन के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। कोई कचरे में आग लगाता पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनन कार्रवाई की जाएगी।

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वेबिनार में विभिन्न वक्ताओं ने व्यक्त किए अपने विचार

- डा. सतीश कालरा ने कंपोस्टिग का अर्थ बताया। कम्पोस्टिग में उन्होंने कहा कि गलनशील कचरे को दोबारा मिट्टी सा महीन कर पौधों को खुराक के रूप में उपलब्ध कराना होता है, सूक्ष्मजीवियों के कार्यक्षेत्र में आता है। हिसार शहर में रोजाना 140 टन कचरा केवल रिहायशी और कमर्शियल क्षेत्रों से निकलता है। कमोस्टिग के विज्ञान पर चर्चा करते हुए विकेंद्रीकृत कम्पोस्टिग माडल की पैरवी की ओर नगर निगम के द्वारा सेक्टर 13 और मधुबन पार्क में की गई शुरुआत को इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

-सुनीता महतानी ने कहा कचरे को तीन वर्गों में एकत्रित करने की हिदायत दी गई है। नियमों के अनुसार आवारा पशु कचरे तक नहीं पहुंचने चाहिए ताकि वे जहरीले पदार्थ ना खा सकें। हर मकान दुकान ऑफिस आदि से डोर टू डोर कलेक्शन अनिवार्य है। सफाई कर्मचारियों को वर्दी और जूते मास्क आदि देना भी अनिवार्य है।

- डा. सुनीता श्योकंद ने ठोस कचरा प्रबंधन को सस्टेनेबल विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह पर्यावरण फ्रेंडली और सस्टेनेबल होना चाहिए। बढ़ती हुई जनसंख्या और शहरीकरण से कचरा प्रबंधन की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। कचरा प्रबंधन के लिए जरूरी है कि स्त्रोत से ही उसे अलग अलग कर लिया जाए ताकि उसे खाद और रीसाइक्लिग के लिए उपयोग किया जा सके।

- डा. सुरेश चोपड़ा ने कहा कि कचरा जलाने से हमारे वातावरण तथा मनुष्य के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है। कचरा जलाने से कई प्रकार की हानिकारक गैसें निकलती हैं जिससे कि मनुष्यों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कचरा जलाने से कई तरह की श्वसन संबंधी बीमारियों से लेकर प्लास्टिक व पॉलिथीन कचरा जलने से उसके संपर्क में आने वालों को कैंसल तक हो सकता है।


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