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पंचायत प्रतिनिधियों को दिए सर्टिफिकेट, अब कुशलता से होंगे ग्रामीण विकास कार्य

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विज्ञान विभाग द्वार

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 May 2018 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 01 May 2018 06:51 PM (IST)
पंचायत प्रतिनिधियों को दिए सर्टिफिकेट, अब कुशलता से होंगे ग्रामीण विकास कार्य
पंचायत प्रतिनिधियों को दिए सर्टिफिकेट, अब कुशलता से होंगे ग्रामीण विकास कार्य

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण ¨सह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विज्ञान विभाग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित सदस्यों को पंचायती राज व ग्रामीण विकास विषय पर प्रदान किए गए त्रैमासिक पाठ्यक्रम के सर्टिफिकेट वितरण समारोह का आयोजन किया गया। मौलिक एवं मानविकी महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी ¨सह ने मुख्य अतिथि थे, जबकि हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी के निदेशक अत्तर ¨सह श्योराण विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

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प्रो. केपी ¨सह ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायतों को वैधानिक दर्जा दिया गया है। हरियाणा सरकार द्वारा पंचायती राज को सु²ढ़ बनाने के लिए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 में संशोधन करके महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह गर्व की बात है कि आज हरियाणा में शत-प्रतिशत पंचायत प्रतिनिधि शिक्षित हैं। पंचायती राज के निर्वाचित सदस्यों को और अधिक सक्षम व सु²ढ़ बनाने के लिए सरकार द्वारा त्रैमासिक पाठयक्रम की योजना को लागू किया गया था। उन्होंने इस पाठ्यक्रम में सफल रहे प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट वितरित किए और बधाई दी।

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यह सिखाया गया था पंचायत प्रतिनिधियों को -

समाज शास्त्र विभाग की अध्यक्षा डॉ. विनोद कुमारी ने बताया कि इस पाठयक्रम का प्रारूप विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा, हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के सहयोग से तैयार किया गया था। कोर्स के दौरान पंचायती राज के निर्वाचित प्रतिनिधियों को तीन विषयों- पंचायती राज व ग्रामीण विकास कार्यक्रमों, व्यावहारात्मक पहलुओं एवं सुशासन तथा योजना व प्रबंधन बारे विस्तार से परिचित करवाया गया। तीन माह अवधि के दौरान 58 विशेषज्ञों द्वारा 85 लैक्चर आयोजित किए गए और दो बार परीक्षा आयोजित की गई। पहली मध्यावधि परीक्षा 40 अंकों की थी, जबकि अंतिम परीक्षा उपर्युक्त तीनों विषयों में 60 अंकों की आयोजित की गई। पाठयक्रम में 30 प्रतिभागी लाभान्वित हुए।

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प्रतिभागी रविन्द्र कौर ने इस पाठ्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि तीन माह की अवधि में दिए गए व्यावहारिक ज्ञान से वे पंचायती राज व ग्रामीण विकास के कार्यों को और भी कुशलतापूर्वक करने में सक्षम हो सकेंगे। इस दौरान कॉलेज ऑफ बेसिक साइंसिज एवं हयूमैनिटिज के कार्यवाहक डीन डा. आरके झोरड़, विभाग के डा. सुभाष चंद्र के अलावा विश्वविद्यालय के कुलसचिव, अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष व अन्य अधिकारी और प्राध्यापकों सहित फतेहाबाद के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश कौथ भी मौजूद रहे।


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