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25 दिन बाद चार लाख रुपये खर्च कर पिंजरे में कैद किया जा सका तेंदुआ

धान्सू रोड पर हर्बल पार्क के पास हिरण के शिकार के लिए घात लगाकर बैठे तेंदुए को आखिरकार वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम ने पकड़ लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 12:20 PM (IST)
25 दिन बाद चार लाख रुपये खर्च कर पिंजरे में कैद किया जा सका तेंदुआ
25 दिन बाद चार लाख रुपये खर्च कर पिंजरे में कैद किया जा सका तेंदुआ

जेएनएन, हिसार : धान्सू रोड पर हर्बल पार्क के पास हिरण के शिकार के लिए घात लगाकर बैठे तेंदुए को आखिरकार वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम ने पकड़ लिया। हिरण समेत अन्य जानवरों को खतरे की आहट हुई, जिसके बाद अधिकारी अलर्ट हुए और उन्होंने गन से उसको बेहोशी का टीका लगाया। इसके 2-3 मिनट में ही वह बेहोश हो गया। टीम ने बाद में उसे उठाकर पिंजरे में बंद कर दिया।

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धान्सू रोड पर डियर पार्क में 25 अगस्त की रात को एक काले हिरण का शिकार किया गया था। अधिकारियों की तरफ से शिकार व जंगल में मिले पंजे के निशानों को देखते हुए तेंदुए का अंदेशा लगाया गया था। इसको लेकर शिकार और अन्य जरूरी सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए देहरादून भेजे थे। डियर पार्क में हिरण होने के कारण लगातार तेंदुआ शुरुआत में उसके आसपास मंडरा रहा था, लेकिन वह अभी तक हाथ नहीं आया था। तेंदुए को पकड़ने में भी करीब चार लाख रुपये का खर्च बताया जा रहा है।

तेंदुए को पकड़ने के लिए हर रोज शाम को ही टीमों को डियर पार्क के पास ड्यूटी पर लगा दिया था। बुधवार रात करीब आठ बजे जानवरों के व्यवहार में बदलाव आया। खतरे की आहट होने पर हिरण व अन्य जानवर पार्क में ही भागने लगे। यह देखकर वन्य जीव प्राणी विभाग के अधिकारी डियर पार्क के आसपास अलर्ट होकर बैठ गए।

उसी दौरान हबर्ल पार्क की दीवार के नजदीक तेंदुआ दिखाई दिया। वह उस समय शिकार के लिए घात लगाकर बैठा था। टीम के सदस्य बिना आवाज किए उसके थोड़े नजदीक गए और बंदूक से बेहोशी का टीका मार दिया। टीका लगने पर वह दो से तीन मिनट में ही बेहोश हो गया। टीम के सदस्यों ने उसी समय उसको उठाया और ¨पजरे में बंद कर दिया। तेंदुए का नेचर

वन्य जीव अधिकारियों के अनुसार तेंदुए का नेचर बड़ा अलग होता है। वह एक बार शिकार करने के बाद पांच से छह दिन तक आराम करता है। सुबह के समय वह बहुत कम शिकार करता है। 90 फीसद शिकार रात के समय करता है। बीड़ का जंगल 1200 से ज्यादा एकड़ में फैला है। तेंदुए के नेचर के अनुरूप झाड़ियां, पेड़ और पानी के पोखर यहां मौजूद हैं। कई जिलों से आए वाइल्ड लाइफ अधिकारी

डियर पार्क व उसके आस पास तेंदुए को पकड़ने के लिए हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी से अधिकारी आए हुए थे। दिन व रात के समय दो शिफ्टों में सभी 110 हिरणों की रखवाली कर रहे थे। विभाग ने हिरणों को सुरक्षित रखने के लिए उनको पशु चिकित्सा केंद्र के बाड़े में रखा हुआ था। अधिकारियों के अनुसार साथ लगते हर्बल पार्क और जंगल के कुछ एरिया में सर्च अभियान चलाया गया था। लेकिन काफी दिनों से वह हाथ नहीं आ रहा था। बीड़ का माहौल जंगली जानवरों के अनुकूल

अधिकारियों की माने तो तेंदुआ हिसार में मिलने की 1970 के बाद पहली घटना है। अरावली की पहाड़ियों और यमुनानगर के आसपास के पहाड़ी इलाके में तेंदुआ पाया जाता है। तोशाम के आस पास अरावली की पहाड़ियों में तेंदुआ पाया जाता है। अनुमान है कि तेंदुआ हिसार बीड में दिशा भटकने के चलते आ गया होगा। यहां 1200 से ज्यादा एकड़ में फैले बीड़ का वातावरण जंगली जानवरों के अनुकूल है।

- हर्बल पार्क के पास तेंदुआ घात लगाकर बैठा था। उसके आने की आहट से डियर पार्क में मौजूद जानवर शोर मचाने लगे। इसके बाद हम सब अलर्ट हो गए थे। बाद में तेंदुए को बेहोशी का टीका मार कर बेहोश कर दिया। उसे ¨पजरे में बंद कर दिया गया है।

- रामेश्वर कुमार, निरीक्षक, वन्य जीव संरक्षण विभाग हिसार।


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