जानें क्यों दो साल से नंगे पैर है हरियाणा का यह गौ सेवक, लिया अद्भूत संकल्प
झज्जर के गौ सेवक सुनील निमाणा ने गायों की सेवा मां की तरह करते हैं। उन्होंने अनोखा संकल्प लिया है। उन्होंने अत्याधुनिक गौ चिकित्सालय के लिए दो साल से नगे पैर हैं।
झज्जर, [अमित पोपली]। हरियाणा में गौ सेवक की काफी तादाद है। 'देसां मे देस हरियाणा- जित दूध-दही का खाणा' की कहावत से मशहूर प्रदेश में गौ सेवा की पुरानी परंपरा है और यहां यह धर्म की तरह है। आपको राज्य में जगह-जगह गोशालाएं मिल जाएंगी। लेकिन, इन गौ सेवकों में झज्जर के सुनील निमाणा ने अपनी खास पहचान बनाई है। वह गायों व गोवंश की सेवा मां कर तरह करते हैं। उनके लिए यह मातृसेवा है। निमाणा ने गौ सेवा के लिए अनोखा संकल्प लिया है और अत्याधुनिक गौ चिकित्सालय बनाने के लिए वह दो साल से नंगे पैर हैं। उनका संकल्प है कि चिकित्सालय बनने तक वह नंगे पैर रहेंगे।
गौ चिकित्सालय निर्माण का लिया था संकल्प, 70 फीसद हुआ पूरा
सुनील निमाणा की प्रसिद्धि हरियाणा ही नहीं अन्य राज्यों तक भी है। बात करीब डेढ़ साल पहले की है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता की एक बड़ी गोशाला में गोवंश की तबीयत लगातार खराब हो रही थी। संचालक के स्तर पर किए गए तमाम प्रयासों के बाद भी जब समाधान नहीं निकला तो झज्जर के गोकुल धाम सेवा महातीर्थ चिकित्सालय के संचालक सुनील निमाणा को सूचना दी गई।
इसके बाद सुनील खुद गौ माता की सेवा के लिए चिकित्सकों की टीम के साथ कोलकाता पहुंचे। निमाणा अपनी टीम के साथ करीब 15 दिन तक वहां गोशाला में ठहरे। सुखद परिणाम यह रहा कि जिन गोवंश की तबीयत में सुधार नहीं हो पा रहा था, वे ठीक होने लगे। इसे देखकर वहां गोशाला संचालकों ने टीम की बड़ी प्रशंसा की।
निमाणा का झज्जर के गुरुग्राम रोड पर गोकुल धाम सेवा महातीर्थ चिकित्सालय है। यहां गौ सेवा के भाव का अहसास बड़े अलग ढंग से महसूस किया जा सकता है। यह प्रदेश में पहला ऐसा चिकित्सालय है जिसने मुंबई तक एंबुलेंस भेजकर गोवंश का उपचार किया है। दरअसल यहां गौ सेवा के कार्य में जुनूनी लोग जुड़े हुए हैं। यहां गाेवंश की नि:शुल्क चिकित्सा होती है।
गौ सेवा के प्रति संचालक सुनील निमाणा का संकल्प ऐसा है कि पिछले करीब दो साल से अधिक समय से वे नंगे पैर ही रहते हैं। वे अत्याधुनिक अस्पताल बनाने में जुटे हैं। चिकित्सालय का 70 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि शेष कार्य भी जल्द पूरा होगा।
पहले भी तीन साल के लिए रहे थे नंगे पैर
गौ-सेवा के लिए समर्पित सुनील निमाणा का संकल्प लेने का अनुभव पुराना है। पहले भी वह तीन साल तक नंगे पैर रहने का संकल्प पूरा कर चुके हैं। ऐसा उन्होंने अस्पताल की जमीन की रजिस्ट्री होने तक के लिए लिया था। रजिस्ट्री हो जाने के बाद करीब दो माह तक तो उन्होंने पैरों में कुछ पहना। पुन: अस्पताल निर्माण होने तक नंगे पैर रहने का प्रण ले लिया। बता दें कि पिछले 6 वर्ष के अंतराल में 50 हजार से अधिक पशुधन का यहां पर उपचार किया जा चुका है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी कर चुके दौरा
सीएम मनोहर लाल भी चिकित्सालय का दौरा करते हुए कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके हैं। अस्पताल करीब पांच एकड़ भूमि पर बन रहा हैं। यहां गोवंश से जुड़ी हर बीमारी का इलाज किया जाता है। यहां अब अन्य तरह के पशु-पक्षी भी उपचार के लिए लाए जाने लगे हैं। गोवंश प्रेमियों में इस चिकित्सालय का जबर्दस्त क्रेज है।
--------
'' लोगों को सीख देने की बजाय खुद सेवा करने को मैंने जीवन का परम धर्म बनाया है। मैं ने तय किया है कि जब तक अस्पताल बनकर तैयार नहीं हो जाता है कि नंगे पांव रहूंगा। गौ सेवा का संकल्प पूरा होने के बाद ही पैरों में कुछ पहनूंगा।
- सुनील निमाणा, संचालक, गोकुल धाम सेवा महातीर्थ चिकित्सालय।
यह भी पढ़ें: हरियाणा IAS अशोक खेमका का एक और ट्वीट, पूछा-आढ़तियों को दो हजार करोड़ के कमीशन क्यों
यह भी पढ़ें: फर्जी लेटर से लाखों रेलकर्मियों में जगी बोनस की उम्मीद, बाद में रेलवे ने बताई असलियत
यह भी पढ़ें: मिलिए हरियाणा के 'चाइल्ड स्पाइडरमैन' से, दीवार पर चढ़ जाता है तीन साल का विराट
यह भी पढ़ें: ट्रेन को बेपटरी होने से बचाने को लाल झंडी ले दौड़ा रेलकर्मी, डेढ़ घंटा खड़ी रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें