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आचार संहिता के कारण नहीं खुला दवाओं का टेंडर, सीएमओ ने चुनाव आयोग से मांगी परमिशन

सुभाष चंद्र हिसार विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगने के कारण सिविल अस्पताल में दवाइया

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 01:50 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 01:50 AM (IST)
आचार संहिता के कारण नहीं खुला दवाओं का टेंडर, सीएमओ ने चुनाव आयोग से मांगी परमिशन
आचार संहिता के कारण नहीं खुला दवाओं का टेंडर, सीएमओ ने चुनाव आयोग से मांगी परमिशन

सुभाष चंद्र, हिसार: विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लगने के कारण सिविल अस्पताल में दवाइयों का टेंडर नहीं खुल पाया है। जिसके चलते सिविल अस्पताल में दवाइयों की परचेज नहीं हो पा रही है। ऐसे में सीएमओ ने चुनाव आयोग से टेंडर खोलने के लिए परमिशन मांगी है। अगर चुनाव आयोग से टेंडर के लिए परमिशन नहीं मिलती है तो फतेहाबाद, जींद, भिवानी, रोहतक के ई-टेंडर के बेस पर दवाइयों की परचेज करके मरीजों को दवाइयों की आपूर्ति करवाई जाएगी।

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इन दवाइयों की भी हो रही कमी -

सिविल अस्पताल में दवाइयों के लिए टेंडर न खुल पाने के कारण कई तरह की दवाइयों की कमी मरीजों को हो रही है। दवाइयां न खरीद पाने के कारण कई तरह की टेबलेट्स, इंजेक्शन व सीरप की कमी होने के कारण मरीजों को बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से जितनी दवाइयों की डिमांड भेजी जा रही है। वेयर हाउस से भी पूरी संख्या में दवाइयां नहीं पहुंच रही है। ऐसे में जिलेभर से आने वाले मरीजों मायूस होकर महंगे दामों में निजी मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं।

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करीब 1500 मरीजों को होती है ओपीडी -

सिविल अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए जिले भर से प्रतिदिन करीब 1500 मरीज आते हैं। सिविल अस्पताल में इन मरीजों के लिए निश्शुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं। ये दवाइयां वेयर हाउस व टेंडर के जरिए परचेज की जाती हैं, लेकिन वेयर हाउस में दवाइयां बल्क में आती हैं। लेकिन वहां दवाइयां आने पर सैंपल चेक के लिए लैब में भेजा जाता है, जिसके कारण दवाइयां आने में समय लग जाता है।

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इन दवाइयों की कमी खली -

- एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए सिविल अस्पताल की ओर से करीब 4050 इंजेक्शन की डिमांड भेजी गई थी। लेकिन अस्पताल में सिर्फ 700 इंजेक्शन ही पहुंचे हैं, जिसके चलते कुत्ते व बंदर के काटने पर आने वाले मरीजों को भी इंजेक्शन के लिए समस्या आ रही है।

- वहीं सिपरोफ्लोक्सासीन टेबलेट की 50 हजार टेबलेट की डिमांड भेजी गई थी, लेकिन इसमें से भी 30 हजार टेबलेट पेंडिग हैं।

- एमपीसीलिन सोडियम 500 मिलीग्राम का ड्राइ पाउडर वियाल जो बच्चों के बीमार होने पर दिया जाता है। इसकी भी भारी कमी है। 580 की डिमांड की गई। लेकिन मिले सिर्फ 400 पीस।

- ड्रिप की भी भारी कमी है, अस्पताल की ओर से डिमांड 2 हजार की हुई, लेकिन सिर्फ 700 पीस ही भेजे गए।

- इसके अलावा सिविल अस्पताल में मेडिकल स्टोर पर कफ सीरप की भी भारी कमी है। जबकि सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही खांसी के मरीजों की तादाद बढ़ रही है। इनमें से 9030 सीरप पेंडिग हैं।

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हमने टेंडर खोलने के लिए चुनाव आयोग से परमिशन मांगी है अगर परमिशन नहीं मिलती है तो आसपास जिलों के टेंडर के बेस पर दवाइयां परचेज करेंगे। इसके लिए हमें अनुमति मिली हुई है।

- डा. संजय दहिया, सीएमओ, हिसार।


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