छात्रा से डर्टी टॉक करने पर शिक्षक को जिस संस्थान से किया रिलीव, दोबारा वहीं मिली ज्वाइनिंग
हिसार के एक शिक्षण संस्थान में करीब 9 महीने पहले फरवरी माह में एक छात्रा ने दो शिक्षकों पर अंक बढ़ाने का लालच देकर उससे डर्टी टॉक करने के आरोप लगाए थे। छात्रा ने मामले की जानकारी संस्थान की एक महिला टीचर को भी दी थी।
हिसार, जेएनएन। शहर के एक शिक्षण संस्थान में शिक्षकों द्वारा छात्रा से डर्टी टॉक मामले में सस्पेंड किए गए एक शिक्षक को फिर से इसी शिक्षण संस्थान में ज्वाइन करवा दिया गया है। संस्थान के मुख्यालय के डायरेक्टर जनरल के आदेशों पर इस मामले में रिलीव किए जा चुके गेस्ट फेकल्टी के शिक्षक को बुधवार को संस्थान में फिर से ज्वाइनिग दे दी गई। वहीं इस मामले में सस्पेंड किए गए एक अन्य शिक्षक की भी जल्द ही ज्वाइङ्क्षनग होने की सूचना है।
गौरतलब है कि इस शिक्षण संस्थान में करीब नौ महीने पहले फरवरी महीने में एक छात्रा ने दो शिक्षकों पर अंक बढ़ाने का लालच देकर उससे डर्टी टॉक करने के आरोप लगाए थे। छात्रा ने मामले की जानकारी संस्थान की एक महिला टीचर को भी दी थी। टीचर ने इस बारे में संस्थान प्रिंसिपल को जानकारी दी थी। बाद में सामने आया था कि इस तरह के मामले पहले भी हुए है। लेकिन उन मामलों को दबा दिया गया।
टीचर ने डर्टी टॉक की बात स्वीकारी थी
शिकायत पर संस्थान की महिला शिकायत निवारण एवं वेलफेयर सैल की चेयरपर्सन ने दोनों पक्षों से बात करके रिपोर्ट तैयार की थी। इस दौरान दोनों आरोपित शिक्षकों ने छात्रा से डर्टी टॉक करने की बात स्वीकारी थी। रिपोर्ट में उच्चाधिकारियों से आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। इसके बाद मामले में दोषी पाए गए गेस्ट फेकल्टी के दो शिक्षकों को मुख्यालय के आदेशों पर रिलीव किया गया था। लेकिन अब विभाग की ओर से ही इनमें से एक शिक्षक की इसी संस्थान में ज्वाइङ्क्षनग करवा दी गई है।
मामले में डीसी ने ज्वाइंट कमिश्नर को दिए थे जांच के आदेश
इस मामले में डीसी के आदेशों पर उस दौरान ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी चेतल को जांच के आदेश दिए थे। चेतल ने मामले में कमेटी बनाकर जांच की थी, जिसकी रिपोर्ट बनाकर डीसी को सौंपी गई थी।
महिला शिकायत निवारण एवं वेलफेयर सैल की चेयरपर्सन ने दे दिया था इस्तीफा
संस्थान में उस दौरान महिला शिकायत निवारण एवं वेलफेयर सैल की चेयरपर्सन ने इस मामले के बाद चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा पत्र में चेयरपर्सन ने इस मामले के बाद लगातार उत्पीडऩ का सामना करने की बात कही थी। हालांकि उनसे जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने किसी भी तरह की समस्या होने से इंकार कर दिया था और चेयरपर्सन पद की अवधि पूरी होने की बात कहकर इस्तीफा देने की बात कहीं थी।