तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली नौ वर्षीय छात्रा के साथ स्कूल शिक्षक ने शौचालय में किया दुराचार, हालत गंभीर
नारनौंद में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। नारनौंद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में स्थित एक स्कूल के शिक्षक ने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म किया है।
जेएनएन, हिसार : नारनौंद में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। नारनौंद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में स्थित एक स्कूल के शिक्षक ने तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ दुष्कर्म किया है। घटना शुक्रवार की है मगर खुलासा रविवार की रात हो हुआ। घटना की जानकारी सामने आते ही गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया और कार्रवाई होने तक स्कूल नहीं खोलने का निर्णय लिया है। वहीं इतनी बड़ी घटना की जानकारी सामने आते ही प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। घटना का जायजा लेने के लिए मौके पर डीएसपी नरेंद्र कादयान और महिला थाना एसएचओ के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी भी पहुंचे। वहीं एफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंच जांच के लिए साक्ष्य जुटाए। आक्रोशित ग्रामीणों के आवेश को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का गठन भी किया जो स्कूलों में मॉनिट¨रग करने का काम करेगी। इसके अलावा जिला शिक्षा विभाग ने पूरे स्कूल स्टॉफ का तबादला करते हुए स्कूल में महिला स्टॉफ की नियुक्ति के आदेश किए हैं। बता दें कि घटना शुक्रवार की है जब स्कूल शिक्षक सत्यवान छात्रा को बहला फुसलाकर शौचालय में ले गया और वहां उसके साथ दुराचार कर दिया। इसके बाद किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी। 9 साल की मासूम डरी-सहमी घर पहुंच गई और घटना के बारे में किसी से जिक्र नहीं किया। रविवार की सुबह छात्रा की तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे एक निजी अस्पताल में ले गए। पेट दर्द की शिकायत पर जब डॉक्टर ने जांच की तो बताया कि छात्रा के साथ दुराचार हुआ है। इसके बाद माता पिता छात्रा को हांसी के सरकारी अस्पताल में लेकर गए जहां छात्रा के साथ दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि की गई।
गौरतलब है कि नारनौंद क्षेत्र में बीते छह महीने में मासूम बच्चियों के साथ दुराचार करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। हाल में ही एक गांव में एक बच्ची का हवस का शिकार बनाया गया था, वहीं घूमंतू जाति की बच्ची के साथ भी दुराचार किया गया था। एक के बाद एक होने वाली घटनाएं इंसानियत को शर्मसार कर रही हैं तो वहीं साथ ही सोचने के लिए मजबूर भी कर रही हैं।