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मिर्चपुर प्रकरण : ताराचंद की विधवा बोली-मैं टूट चुकी हूं, बस कहने को जी रही हूं

मैं टूट चुकी हूं.. आजकल मेरी तबीयत भी खराब रहवै सै, मैं के बताऊं। हां कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, बड़ा सोच-समझ कै सुनाया सै। यह कहना है वर्ष 2010 में हिसार जिले के मिर्चपुर प्रकरण में ¨जदा जले ताराचंद की विधवा कमला का।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 04:35 PM (IST)
मिर्चपुर प्रकरण : ताराचंद की विधवा बोली-मैं टूट चुकी हूं, बस कहने को जी रही हूं
मिर्चपुर प्रकरण : ताराचंद की विधवा बोली-मैं टूट चुकी हूं, बस कहने को जी रही हूं

जेएनएन, हिसार : मैं टूट चुकी हूं.. आजकल मेरी तबीयत भी खराब रहवै सै, मैं के बताऊं। हां कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, बड़ा सोच-समझ कै सुनाया सै। यह कहना है वर्ष 2010 में हिसार जिले के मिर्चपुर प्रकरण में ¨जदा जले ताराचंद की विधवा कमला का। कमला अपने बेटे के साथ सरकारी क्वार्टर में रह रही हैं। आठ साल पहले मिर्चपुर में उनके पति तारांचद और बेटी दिव्यांग सुमन को ¨जदा जला दिया गया था। उसके बाद से उनकी तबीयत खराब रहने लगी। कमला ने बातचीत में बताया कि कुछ समझ नहीं आ रहा है। बस टाइम पास कर रही हूं। मेरे परिवार के दो लोग दुनिया से चले गए, वह तो मुझे ही पता है। अब क्या बताऊं।

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दरअसल, शुक्रवार को मिर्चपुर कांड में दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से सुनाए गए फैसले पर कमला ने कहा कि कोर्ट ने फैसला सही सुनाया है। वहीं दूसरी ओर कैमरी रोड पर स्थित तंवर फार्म हाउस में रह रहे मिर्चपुर वासियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहां आने-जाने पर पैनी नजर रखी जा रही है। फार्म के बाहर और अंदर पुलिस तैनात की गई है। फार्म में रह रहे मिर्चपुर वासियों और कमला का कहना है कि वह किसी भी हालत में मिर्चपुर नहीं जाएंगे। वहां उन्हें खतरा है। जो भी सुविधाएं दी जाएं, यहीं दिलाई जाएं, ताकि हम अपने परिवार का ठीक ढंग से पालन-पोषण कर सकें।

.. कुछ भी पूछने पर काफी देर तक सोचती रहती हैं कमला, फिर देती हैं जवाब

वहीं आठ साल पहले परिवार के साथ हुई घटना के बाद से कमला पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं। कुछ भी पूछने पर वह सोचने लगती हैं। उसके कुछ देर बाद ही वह जवाब दे पाती हैं। जवाब देते-देते कमला की आंखों से आंसू निकल आते हैं। उसके बाद वह कुछ भी नहीं बता पाती। कमला ने बातचीत में बताया कि इस घटना के बाद वह पूरी तरह टूट चुकी हैं। कमला के परिवार की सुरक्षा के लिए दिए हुए हैं आठ गनमैन

वर्ष 2010 में मिर्चपुर में हुई घटना के बाद कमला व उनके तीनों लड़के हिसार में रह रहे हैं। तीनों डीसी कार्यालय में कार्यरत हैं। वहीं इस घटना के बाद उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। हिसार में रह रहे कमला के परिवार में चार लोगों को आठ गनमैन दिए हुए हैं। कमला की कई दिनों से तबीयत भी बिगड़ी हुई है। हालात यह हैं कि वह कुछ देर तक खड़ी भी नहीं रह सकती। ..बस दो कमरे की जगह दी जाए

तंवर फार्म में रह रहे मिर्चपुर वासियों ने बातचीत के दौरान बताया कि वो यहां काफी सालों से तंबू में रहकर समय काट रहे हैं। थोड़ी सी बारिश आने पर पानी भर जाता है। ऐसे में यहां रहना काफी मुश्किल हो जाता है। हम दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन अब हमें कम से कम दो कमरों की जगह देकर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। उन्होंने बताया कि यहां रहकर न तो हम अपने बच्चों को पढ़ा सकते हैं और न ही कोई रोजगार कर सकते हैं। कहीं काम मिल जाता तो दिहाड़ी पर चले जाते हैं, नहीं तो खाली ही बैठना पड़ता है।


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