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मानसून में त्वचा का रखें खास ख्याल, घरेलू उपचार से पाएं चेहरे पर रौनक Hisar news

एक्‍सपर्ट ने बताया कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी सावधानी और कुछ ब्यूटी टिप्स अपना कर लोग मानसून में भी आपकी त्वचा को स्वस्थ बना सकते हैं। इसके लिए बस कुछ प्रयोग करने होंगे।

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 12:27 PM (IST)
मानसून में त्वचा का रखें खास ख्याल, घरेलू उपचार से पाएं चेहरे पर रौनक Hisar news
मानसून में त्वचा का रखें खास ख्याल, घरेलू उपचार से पाएं चेहरे पर रौनक Hisar news

रोहतक, जेएनएन। मानसून के आते ही जहां एक तरफ आस-पास का मौसम सुहाना हो जाता है। वहीं दूसरी ओर यह मौसम अपने साथ कई सारी बीमारियां भी लेकर आता हैं। इतना ही नहीं इस मौसम में अक्सर लोगों को त्वचा संबंधित कई सारी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता हैं। इस मौसम में वैसे तो ज्यादातर लोगों को खुजली, मुंहासे, त्वचा का ज्यादा ऑयली होने जैसी परेशानियों होने लगती हैं।

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ब्यूटी एक्सपर्ट सुमन ने बताया कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी सावधानी और कुछ ब्यूटी टिप्स अपना कर लोग मानसून में भी आपकी त्वचा को स्वस्थ बना सकते हैं। इस मौसम में नमी के कारण स्किन पोर्स भी ब्लॉक हो जाते हैं। इस वजह से चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं। इस समस्या से दूर रहने के लिए आप एंटी-बैक्टीरियल टोनर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यदि आपको टोनर से एलर्जी होती है, तो गुलाब जल व घरेलू उपचार करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

मॉइश्चराइजेशन करना न भूलें

सुमन ने बताया कि कई बार लोगों को लगता है कि बरसात में मॉइश्चराइजर लगाने से त्वचा चिपचिपी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं है। बरसात में भी त्वचा को पोषण की जरूरत होती ही है। बार-बार पानी से भींगने पर त्वचा ड्राई हो जाती है। साथ ही इससे खुजली, त्वचा में खिचांव, रुखापन होने लगता है। इसलिए मॉइश्चराइजर प्रयोग करना चाहिए। आपकी त्वचा ऑयली है तो आप ऑयल-फ्री मॉइश्चराइजर प्रयोग कर सकती हैं। इसके साथ ही सनक्रीम का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही आप चेहरे पर तुलसी, नीम, दालचीनी का पेस्ट बनाकर भी लगा सकती हैं।

सूती, खादी कपड़ों का करें प्रयोग

बरसात के मौसम में जारजट, सिनथेटिक, रेशम जैसे फेब्रिक से दूरी बनानी चाहिए। क्योंकि बरसात में भीगने के बाद इन कपड़ों से खुजली, फुंसी, दाने की परेशानी होने लगती है। इसलिए इन दिनों सूती, खादी, सिफॉन, ग्लेश कॉटन का प्रयोग कराना चाहिए। यह पानी को सोंखने के साथ-साथ शरीर को ठंडा भी रखते हैं।

क्रॉक्स शूज का करे चयन

ज्यादा देर गीले होने से पैर की अंगुलियों में इंफेक्शन होने का डर भी रहता है। इसलिए ज्यादा देर तक त्वचा को गीली न रहने दें। पैरों को दिन में तीन से तीन बार धोना चाहिए। धोने के बाद पैरों को तौलिए से सुखाएं। जब पैरों पूरी तरह से सूख जाए तो फुट क्रीम लगाकर मसाज करें। मानसून सीजन में क्रॉक्स शूज का चयन करे। साथ ही चमड़े के फुटवियर दूरी बनाएं।


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